भारत विविधताओं में एकता वाला देश है। खास बात यह है कि यहां सभी धर्मों के लोग आपस में भाई-चारे की भावना से रहते हैं। हजारों वर्षों से हमारे देश में सभी रिलीजन्स के लोग एक दूसरे के धर्म का सम्मान करते आ रहे हैं। यही वजह है कि देश आज भी कल्चरल उतना ही रिच है जितना वर्षों पहले हुआ करता था। हाल ही में एक प्रतियोगिता में ऐसा ही कुछ देखने को मिला जब मुस्लिम बच्चों ने भगवद् गीता प्रतियोगिता जीतकर साबित कर दिया कि उनके मन में भी भगवद् गीता के प्रति उतना ही सम्मान है जितना हिंदू धर्म के बच्चों में होता है। आइये विस्तार से जानते हैं कि मुस्लिम बच्चों ने ऐसा क्या कर दिखाया है…
भगवद् गीता प्रतियोगिता में मुस्लिम छात्र नदीम खान रहे पहले स्थान पर
अक्षयपात्र फाउंडेशन की ओर से आयोजित गीता ज्ञान की विभिन्न प्रतियोगिताओं में 4 मुस्लिम छात्रों ने अलग-अलग स्थान प्राप्त कर पुरस्कार जीते हैं। इन विजेताओं को राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने विजेताओं को पुरस्कार वितरित कर सम्मानित किया था। फाउंडेशन की ओर से घोषित परिणामों में जयपुर स्थित कानोता के एक मजदूर के बेटे और 10वीं क्लास के छात्र नदीम खान ने लेखन प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त किया है। साथ ही प्रतियोगिता में जूनियर कक्षा के छात्र माजिद खान, जाहीन नकवी और जोरबिया नागौरी ने गीता श्लोक उच्चारण प्रतियोगिता में अलग-अलग स्थान प्राप्त कर पुरस्कार जीते।
वैज्ञानिक बनना चाहते हैं नदीम, संस्कृत में है बेहद रूचि
गीता जयंती के अवसर पर आयोजितभगवद् गीता प्रतियोगिता लेखन में प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाले नदीम के पिता अश्फाख खान के अनुसार उनके बेटे को संस्कृत विषय में बहुत रुचि है और वह नियमित इसकी पढ़ाई करता रहता है। उनके पिता ने बताया कि नदीम आगे चलकर वैज्ञानिक बनना चाहता है। उन्होंने कहा कि नदीम चार बच्चों में सबसे छोटा है और पढ़ाई में रुचि होने के कारण नियमित स्कूल जाता है। गौरतलब है कि, 16 वर्षीय नदीम खान जयपुर शहर के कानोता स्थित एक सरकारी स्कूल का छात्र है और कानोता क्षेत्र के पास झुग्गी बस्ती में रहता है।
500 स्कूलों के 80 हजार छात्रों को पीछे छोड़ हासिल किया पहला स्थान
गीता जयंती के अवसर पर हरे कृष्णा मूवमेंट व अक्षय पात्र फाउंडेशन की ओर से आयोजित इसभगवद् गीता प्रतियोगिता में 500 विद्यालयों के 80 हजार स्कली बच्चों ने भाग लिया था। नदीम खान ने 80 हजार छात्रों को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान प्राप्त किया है। जाहीन नकवी कक्षा दो का छात्र है जबकि उसकी चचेरी बहन जोराबिया नकवी कक्षा पांचवी की छात्रा है। दोनों ने गीता के संस्कृत श्लोकों के गायन की जूनियर प्रतियोगिता में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। वहीं कक्षा 8 के छात्र माजिद खान ने एक अन्य ग्रुप में संस्कृत गीता श्लोक गायन प्रतियोगिता में तीसरा स्थान प्राप्त किया है।
राज्य के 13 हजार 500 विद्यालयों में रखवाया गया है भगवत गीता को
भगवद् गीता प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह में प्रदेश के शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि गीता हमें जीवन जीना सीखाती है। यह वाकई जीवन जीने का जरूरी मंत्र है। देवनानी ने कहा कि आधुनिक युग की समस्याओं का निदान कहीं है तो वह गीता के दर्शन में हैं। उन्होंने इसे सभी धर्मों, वर्गों के लिए समान रूप से उपयोगी बताते हुए आगे कहा कि भगवत गीता को राजस्थान के 13 हजार 500 विद्यालयों में रखवाया गया है। ताकि इसका फायदा उठाकर स्कूली छात्र जीवन जीने के मंत्र सीख सके।