जोधपुर के प्रत्युष ने किए लोगों के सपने साकार, घर बैठे सरकारी पोर्टल से 50 लाख तक के करवाए कई काम

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    Government Jobs in Rajasthan

    काम किसी का मोहताज नही होता है, अगर इंसान कुछ करने की ठान ले तो बहुत कुछ कर सकता है। जोधपुर के प्रत्यूष जोशी ने ये कर दिखाया है। राजस्थान सरकार की संपर्क पोर्टल सेवा का बेहतरीन इस्तेमाल कर प्रत्युष ने घर बैठे ही सारे सार्वजनिक स्तर के कार्यों का निस्पादन किया हैं। लोगों की सेवा करने के लिए किसी प्लेटफॉर्म की आवश्यता नही होती लेकिन वसुंधरा राजे सरकार द्वारा जनता को दिया गया यह प्लेटफॉर्म इस कदर मददगार हो सकता हैं सोच से परे हैं।

    विभागों के चक्कर लगाए बिना करवाए काम

    जोधपुर के चोपासनी हाऊसिंग बोर्ड के सेक्टर 21के रहने वाले 24 वर्षिय प्रत्युष जोशी ने टूटी सड़कों, बंद रोड़ लाइटों व क्षेत्र में सफाई जैसी जन समस्याओं के लिए विभागों व अफसरों के चक्कर लगाने के बजाय घर बैठे ही समाधान कर दिया। प्रत्युष ने यह सभी कार्य राजस्थान सरकार के संपर्क पोर्टल का इस्तेमाल कर करवाएं हैं।

    जीवन दायिनी बना राजस्थान संपर्क पोर्टल

    प्रत्युष ने राजस्थान सरकार के संपर्क पोर्टल का इस्तेमाल कर वार्ड 1, 7 और 9 में 50 लाख रु. के कार्य करवाए। अब भी वह पोर्टल पर ऑनलाइन कंप्लेन व इसके बाद इसे लगातार ट्रेस कर तापी बावड़ी की मरम्मत, मंडलनाथ से फिदूसर चौपड़ तक रोड रिपेयर, प्रथम पुलिया से सेंट्रल एकेडमी स्कूल तक सड़क निर्माण के कार्यों को करवाने में लगा है। तीनों में 30 लाख से ज्यादा का बजट लगेगा। प्रत्युष बताते हैं कि एक साल पहले राज्य सरकार की वेबसाइट देखते हुए संपर्क पोर्टल का पता लगा। इस पर उसने अपनी कॉलोनी में कचरा पात्र नहीं रखने की शिकायत की। सोमवार को शिकायत हुई, मंगलवार को फोन आ गया। गुरुवार को निगम के निरीक्षक मौके पर आए और रविवार तक कचरा पात्र लग भी गए।

    प्रत्युष ने बताया कि, मुझे पता चल गया कि ये जनसुविधा के काम करवाने का बड़े काम का पोर्टल है और इसे अफसर वाकई में गंभीरता लेते हैं। प्रत्युष के अनुसार अधिकाधिक लोग इसका इस्तेमाल कर डिजिटल इंडिया को साकार कर सकते हैं।

    15 दिन में जवाबदेही, सीएमओ करता है मॉनिटरिंग

    अगस्त 2014 से शुरू संपर्क पोर्टल में 15 दिन में कंप्लेन की जवाबदेही तय होती है। शिकायत दर्ज करते ही मोबाइल पर मैसेज आता है। शिकायत जिला स्तर व ग्राम पंचायत पर अटल सेवा केंद्र में, तहसील व एसडीएम ऑफिस या संबंधित विभाग या कॉल सेंटर पर भी कर सकते हैं। सीएमओ और प्रशासनिक सुधार व समन्वय विभाग पोर्टल की डेली मॉनिटरिंग करते हैं। पांच-सात पंचायतों पर एडॉप्टर लगाए हैं। वे शिकायतकर्ता से वेरिफिकेशन करते हैं। फोटो अपलोड भी करते हैं। झूठा डिस्पोजल बताने पर अफसर के खिलाफ कार्रवाई भी होती है।

    ऐसे कर सकते है कंप्लेन

    संपर्क राजस्थान पोर्टल वेबसाइट पर कंप्लेन के कॉलम में नाम, पता, आईडी प्रूफ व मेल आईडी भरें। इसके बाद शिकायत का ब्यौरा यानि शहरी या ग्रामीण किस जगह की है भरना होगा। तीसरे कॉलम में विभाग, संबंधित सेवा या योजना, शिकायत बिंदू, विवरण व क्या राहत चाहिए बताएं।

    ट्रेस कर सकते हैं- कंप्लेन पर क्या एक्शन हो रहा

    पोर्टल पर आप अपनी शिकायत की स्थिति देख सकते हैं। इसमें बताया जाता है कि वर्तमान में क्या स्थिति है, कितना काम कर दिया, कितना बाकी है। शिकायत का समाधान होने के बाद संबंधित विभाग पोर्टल पर फोटो अपलोड करते हैं।

     

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