आखिर क्यों Rajasthan Tourism Campaign वसुंधरा सरकार को लानी पड़ी?

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आप में से बहुत लोगों को यह पता नहीं होगा लेकिन राजस्थान की पिछली कांग्रेस सरकार 90 के दशक की Tourism Campaign ही चला रही थी। गहलोत जी के पिछले कार्यकाल में 500 करोड़ से अधिक 90 के दशक वाली Tourism Campaign पर खर्च किये। आखिर गहलोत जी ने तो इन पैसों से Fairmont तक बना लिया लेकिन राजस्थान में पर्यटक नहीं आये। कांग्रेस तो हमेशा से ही देश को लूटते आई है। इन्दिरा गांधी ने तो Truck भर भर के राजस्थान का सोना विदेशों में पहुँचाया है।

  • राजस्थान में 70 प्रतिशत से अधिक लोगों का जीवन पर्यटन पर निर्भर है।
  • राजस्थान के पड़ोसी राज्य जैसे मध्य प्रदेश, गुजरात को विरासत में कुछ मिला नहीं लेकिन अपने शानदार Tourism Campaign से पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करने में कामयाब रहे।
  • राजस्थान में कला, संस्कृति, हेरिटेज तथा प्राकृतिक खूबसूरती कूट – कूट के भरी है लेकिन पर्यटक जयपुर, जोधपुर, उदयपुर जैसे शहर तो घूम लेते हैं पर कभी किसी ने भरतपुर, महाराणा प्रताप की जन्मभूमि कुम्भलगढ़, अजमेर, कोटा में गडरिया महादेव आदि जैसे स्थानों के बारे में बात ही नहीं की। नई राजस्थान Tourism Campaign में राजस्थान के बड़े से बड़े स्थान तो शामिल हैं ही लेकिन छोटे छोटे स्थानों को भी शामिल किया गया है। इससे छोटे शहरों के पर्यटन स्थलों को बढ़ावा मिल रहा है और वहाँ के लोगों के लिए रोज़गार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।

वसुंधरा सरकार का भला हो जिसने राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई Tourism Policy तथा नई Tourism Campaign launch की जिससे राजस्थान को पूरे विश्व में अलग पहचान मिली है और आज राजस्थान Best Hoilday Destination में ASIA में छठे स्थान पर है। इस अभियान से प्रदेश में पर्यटन बड़ा है और इस Campaign की खास बात यह है कि इसमें आधुनिक राजस्थान तथा पारंपरिक राजस्थान के तालमेल को अद्भुत तरीके से दर्शाया गया है। इस Tourism Campaign को सभी अखबारों की सराहना भी मिली है। अब पूरे देश में सबसे ज़्यादा पर्यटन राजस्थान में आना पसंद करते है।