किसी भी परिवार में बच्ची पैदा होती है तो वह समझते हैं की हम पर बोझ आ गया। राजस्थान में कई परिवार तो बच्चियों को पराया धन समझके उन्हें पढ़ाते भी नहीं हैं। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बेटियों के प्रति बेहद संवेदनशील हैं। खुद महिला होने के कारण वह अच्छे से एक महिला का दर्द समझती हैं और उन्होंने राजस्थान जैसे प्रदेश जहाँ महिलाओं को घूँघट में रहना पड़ता है वहां महिलाओं के लिए भामाशाह योजना, राजश्री योजना, आपणी बेटी योजना सहित अन्य कई योजनाएं प्रदेश में संचालित की जो महिला सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो रही हैं।
बच्चियों के जन्म के प्रति Positive सोच एवं उनके स्वास्थ्य तथा शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिए मुख्यमंत्री राजश्री योजना लागू की गई है। इस योजना में बच्ची के पैदा होने से 12 कक्षा उत्तीर्ण करने तक बच्ची को राज्य सरकार 50000 रुपए तक की सहायता राशि देगी।
– राजश्री योजना के तहत 1 जून 2016 या उसके बाद जन्म लेने वाली बच्चियों के जन्म पर वसुंधरा सरकार द्वारा 2 हजार 500 रुपये दिये जा रहे हैं। – जब बच्ची एक साल की हो जाये तो वसुंधरा सरकार द्वारा 2 हजार 500 रुपये दिये जायेंगे। – राजकीय विद्यालय में प्रथम कक्षा में प्रवेश लेने पर वसुंधरा सरकार द्वारा 4 हजार रुपये दिये जायेंगे। – राजकीय विद्यालय में कक्षा 6 में प्रवेश लेने पर वसुंधरा सरकार द्वारा 5 हजार रुपये दिये जायेंगे। – राजकीय विद्यालय में कक्षा 10 में प्रवेश लेने पर वसुंधरा सरकार द्वारा 11 हजार रुपये दिये जायेंगे। – राजकीय विद्यालय से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाली बालिकाओं को वसुंधरा सरकार द्वारा 25 हजार रुपये दिये जायेंगे।
हम बेटी को लक्ष्मी के रूप में पूजते तो हैं लेकिन उसके पैदा होने पर खुशियां नहीं मनाते। मैं राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का धन्यवाद् देना चाहता हूँ जिन्होनें बेटियों के पैदा होने से उनके 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होने तक खुशियां मानाने की अभिनव योजना की शुरुवात की।