वसुंधरा के खिलाफ क्यों रच रहे हैं षड़यंत्र, क्या राजे से डरे हुए हैं अशोक गहलोत

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    जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव की सियासी तपिश बढ़ने लगी है। बीजेपी और कांग्रेस के बीच शह-मात का खेल शुरू हो गया है। विधानसभा चुनावों के मुहाने पर खड़े राजस्थान में एक बार फिर सूबे के मुखिया और पूर्व मुखिया की जुगलबंदी की चर्चाएं तेज हो गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि 2020 में बगावत के दौरान वसुंधरा राजे ने उनकी सरकार बचाई थी। गहलोत ने नैतिकता का हवाला देते हुए कहा कि राजस्थान में पैसों के बूते सरकार गिराने की परंपरा नहीं रही है जिसका वसुंधरा राजे ने पालन किया तो इसमें क्या गलत किया।
    इसके जवाब में राजे ने कहा कि गहलोत उनके खिलाफ साजिश कर रहे है।

    वसुंधरा राजे के खिलाफ षड़यंत्र कर रहे है अशोक गहलोत
    मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर वसुंधरा राजे ने जवाब देते हुए CM पर साजिश करने का आरोप लगाया। वसुंधरा राजे ने कहा कि मुख्यमंत्री मेरी तारीफ कर मेरे खिलाफ साजिश कर रहे है। जितना अपमान अशोक गहलोत ने मेरा किया है। उतना आज तक किसी ने नहीं किया। मुख्यमंत्री 2023 में होने वाली हार से भयभीत होकर झूठ बोल रहे है। गृहमंत्री अमित शाह पर भी झूठा आरोप लगाया है।

    पायलट को ही चुभ रही हैं पूर्व सीएम
    सीएम अशोक गहलोत ने धौलपुर में सीधे तौर पर सचिन पायलटऔर उनके धड़े को मानेसर के बहाने निशाने पर लिया। लेकिन सियासी अंदाज़ में तारीफ़ करते हुए पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को भी खुद की पार्टी में संदिग्ध बनाने की कोशिश की है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे अब गहलोत के साथ साथ पायलट को भी खटक रही है। सचिन पायलट भी अगले चुनाव में गहलोत और वसुंधरा राजे को प्रतिद्वंदी मानते हुए दोनों पर तीखे वार करते रहे हैं।

    क्या वसुंधरा से डरे हुए हैं अशोक गहलोत
    चुनावी सर्वे कर्नाटक में कांग्रेस सरकार बनने की संभावना नजर आ रही है। ऐसे में गहलोत को लगता है कि अब तक वसुंधरा राजे से परहेज करती रही पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की टीम 2023 और 2024 के चुनावों के मद्दे नजर फिर से वसुंधरा राजे को चुनावी मैदान में आगे नहीं कर दे। लिहाजा गहलोत ने मोदी -शाह की निगाह में और संदिग्ध करने के लिए तारीफ के बहाने वसुंधरा पर छिपा हुआ वार कर दिया है।

    गहलोत ने लगाए एक तीर से दो निशाने
    गहलोत ने सचिन पायलट खेमे की बगावत को याद करते हुए कहा कि अमित शाह, गजेंद्र सिंह शेखावत और धर्मेंद्र प्रधान ने मिलकर सरकार गिराने का षड्यंत्र रचा और मानेसर गए विधायकों को 10-10 करोड़ रुपए बांटे गए। माना जा रहा है कि गहलोत ने इस बयान से एक तीर से दो निशाने साध लिए हैं।

    अशोक ने दिया पायलट को जवाब
    दरअसल सचिन पायलट ने राजे सरकार के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों पर गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था जिस पर गहलोत इतने दिन से चुप्पी साधे हुए थे। हालांकि पायलट ने हाल में राजे और गहलोत की मिलीभगत से इनकार कर दिया था। वहीं अब गहलोत द्वारा राजे की तारीफ को सीधा पायलट कैंप को एक संदेश माना जा रहा है।

    मुख्यमंत्री का सियासी दाव
    दरअसल पायलट की ओर से पिछले 11 अप्रैल से की जा रही राजे सरकार के कथित भ्रष्टाचार में जांच की मांग को गहलोत ने अब इशारों में खारिज कर दिया है। बता दें कि गहलोत ने राजे की तारीफ कर उनका बड़ा एहसानमंद होने की बात कही है। इसके अलावा गहलोत ने राजे के साथ देने की बात कहकर बीजेपी आलाकमान को भी संदेश दिया है। राजे के आलाकमान से संबंध जगजाहिर हैं ऐसे में चुनावों से पहले राजे को साइडलाइन करने की अटकलों के बीच गहलोत ने 2020 की बगावत का किस्सा छेड़ वसुंधरा को उनके ही पाले में कमजोर करने की कोशिश भी की है।

    जानिए पूरा मामला
    सीएम गहलोत ने धौलपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए विरोधियों पर तीखे प्रहार किए। बीजेपी विधायक शोभारानी कुशवाहा की तारीफ से अपनी बात शुरू करते हुए कहा कि जब इस लेडी ने हमारा साथ दिया तो बीजेपी वालों की हवाईयां उड़ गई। शोभारानी के अलावा वसुंधरा राजे सिंधिया ने और कैलाश मेघवाल ने भी साथ दिया। दरअसल, भैरोसिंह शेखावत के समय बीजेपी के लोग उनकी सरकार गिरा रहे थे। पीसीसी चीफ के नाते लोग मेरे पास आए। पैसे बांटने लगे। मैनें शेखावत सरकार गिराने का विरोध किया था। बीमार व्यक्ति इलाज करने गया हुआ है। उसके पीछे जो षड़यंत्र करेगा उसमें मैं साथ नहीं दूंगा।। शोभारानी कुशवाहा ने वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल की बात सुनी और बीजेपी के लोगों का साथ नहीं दिया।