कायापलट: कैसे बदली झालावाड़ की तस्वीर

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Vasundhara Raje Jhalawar

आज से 30 साल पहले राजस्थान के झालावाड़ की स्थिति ऐसी नहीं थी जैसी आज है। पहले के झालावाड़ और वर्तमान के झालावाड़ में जमीं—आसमान का फर्क साफ तौर पर देखा जा सकता है। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के अथाह प्रयासों और यहां के आराध्य द्वारकाधीशजी के आर्शीवाद से आज यह शहर प्रदेश के अग्रणी शहरों में खड़ा हुआ है। Vasundhara Raje Jhalawar

तीन दशक पहले जब वसुन्धरा राजे ने झालावाड़ की धरती पर कदम रखा था, तब यह शहर प्रदेश के सबसे पिछड़े जिलों में शामिल था लेकिन आज झालावाड़ की दशा और दिशा पूरी तरह बदल गई है। अब विकास की दृष्टि से यह अग्रणी जिलों में शामिल हो गया है। आइए जानते हैं, पिछले कुछ सालों में झालावाड़ की किस तरह कायापलट हुई है। Vasundhara Raje Jhalawar

भारतीय जनता पार्टी और झालावाड़ जिले से वसुन्धरा राजे का अटूट रिश्ता है। उन्होंने 1985 में यहां से विधायक और 1989 में यही से सांसद के तौर पर जीत हासिल की। इसके बाद लगातार 3 बार सांसद बनकर लोकसभा में प्रवेश किया। इस दौरान उन्होंने जात-पांत, क्षेत्र और राजनीति से ऊपर उठकर विकास करने का प्रयास किया है। इसी कारण झालावाड़ का समग्र विकास सम्भव हो पाया है।

पिछले 4 साल में करीब 17 हजार करोड़ के विकास कार्य

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनकी सरकार ने पिछले सवा चार साल में झालावाड़ जिले में 16 हजार 923 करोड़ रूपए के निर्माण  कार्य स्वीकृत कर क्षेत्र में जमकर विकास कार्य कराए हैं। इनमें 1504 करोड़ रूपए सड़कों के विकास पर, 534 करोड़ रूपए पेयजल पर, 2157 करोड़ रूपए सिंचाई परियोजनाओं पर तथा 4284 करोड़ रूपए बिजली पर व्यय हुए हैं। खानपुर विधानसभा क्षेत्र में 4819 करोड़ रूपए के विकास कार्य मंजूर किए गए हैं। जिनमें सड़कों के विकास पर 370 करोड़ रूपए, सिंचाई परियोजनाओं पर 1525 करोड़ रूपए, पेयजल पर 25 करोड़ रूपए, बिजली पर 73 करोड़ रूपए, ग्रामीण गौरव पथों पर 19 करोड़ रूपए आदि शामिल है।

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अकेले झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र के लिए 7.656 हजार करोड़ के विकास कार्यों को स्वीकृति दी गई है। इनमें 600 करोड़ रूपए से अधिक के सड़क विकास एवं पुल निर्माण के काम, मेडिकल कॉलेज में 64 करोड़ रूपए के कार्य तथा 190 करोड़ रूपए से राजगढ़-गागरोन पेयजल परियोजना से पिड़ावा के 170 गांवों और 8 ढ़ाणियों में जलापूर्ति के काम भी शामिल हैं। साथ ही 13 करोड़ रूपए की लागत के स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मेनेजमेंट का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

कालीसिंध व उजाड़ नदी पर आवागमन अब आसान

मुख्यमंत्री ने हाल ही में जिले के झालावाड़-बारां मेगा स्टेट हाईवे स्थित कालीसिंध नदी पर मुंडेरी पुल और उजाड़ नदी पर नागौनिया पुल का लोकार्पण किया है। इन दोनों पर क्रमश: 46.46 करोड़ एवं 10.60 करोड़ रूपए की लागत आई है। इन दोनों पुलियाओं के बनने से बारां और झालावाड़ के लोगों को आवागमन में सुविधा होगी। इससे पहले बारिश के समय मुंडेरी पुलिया पर कालीसिंध नदी का जलस्तर बढ़ जाने के कारण कई बार इस मार्ग पर इन दोनों जिलों के बीच सम्पर्क टूट जाता था। अब आवागवन होने से खानपुर, मंडावर, बाघेर, बारां, जोलपा तथा बपावर आदि के लोगों को फायदा होगा।

जिले को पर्यटन विकसित करने पर गौर Vasundhara Raje Jhalawar

प्रदेश सरकार ने झालावाड़ जिले को पर्यटन के तौर पर भी विकसित करने का बेड़ा उठाया है। चंद्रभागा और काली सिंध नदी तथा गोमती सागर का खासतौर पर पर्यटन की दृष्टि से विकास किया जाएगा। धार्मिक महत्व को देखते हुए आगामी महीनों में चंद्रभागा नदी पर घाटों के निर्माण सहित अन्य कार्य किए जाएंगे। झालावाड़ से भोपाल वाया रटलाई-भालता बस सेवा शुरू करने की घोषणा पहले ही हो चुकी है। दरगाह गागरोन शरीफ के विकास के लिए पहली बार बजट की घोषणा भी तारीफ के काबिल है।

झालावाड़ एयर एम्बुलेंस फेसेलिटी वाला पहला अस्पताल

झालावाड़ के सरकारी अस्पताल को आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाया जाएगा। यह प्रदेश का पहला अस्पताल होगा, जहां एयर एम्बुलेंस लैण्ड हो सकेगी। झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में थैलेसीमिया का अलग से वार्ड बनाने की स्वीकृति भी दी गई है। साथ ही जिले के 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को डिजिटाइज किया जाएगा। जिले के पुराने अस्पताल में सीएसआर गतिविधियों के तहत 50 कॉटेज बनाए जा रहे हैं।

किसानों के लिए फूड प्रोसेसिंग प्लांट व लहसुन खरीद केंद्र जल्दी

किसानों को राहत देने और यहां लहसुन की बंपर पैदावार देखते हुए यहां बकानी और रायपुर में बाजार हस्तक्षेप योजना के अंतर्गत दो नए लहसुन खरीद केंद्र खोले जाने का कार्य भी शुरू हो गया है। झालावाड़ में फूड प्रोसेसिंग उद्योग को बढ़ावा देने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। इस क्षेत्र के उद्यमियों को प्रोत्साहन देकर यहां फूड प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किए जाएंगे ताकि यहां पैदा होने वाली उपज का किसानों को बेहतर मूल्य के साथ रोजगार भी मिल सके। संतरा मण्डी के लिए जमीन देने की कार्यवाही भी शीघ्र होने की उम्मीद है। आहू-चवली रिवर लिंक चैनल के निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।

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