प्रदेश में उग्र नजर आ रहा गुर्जर आरक्षण आंदोलन फिलहाल पूरी तरह थम चुका है। सरकार और गुर्जरों के बीच शनिवार को हुए एक समझौते के अनुसार दोनों पक्षों के बीच 16 मांगों पर सहमति बनी है। इसके बाद शासन सचिवालय में हुई एक प्रेस वार्ता में गुर्जरों के नेता और गुर्जर आरक्षण आंदोलन समिति के अध्यक्ष कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने आंदोलन वापस लेने की घोषणा की। दो दौर की 10 घंटे तक चली इस वार्ता में प्रदेश सरकार द्वारा समझौते की 16 मांगों को तय समय सीमा में निस्तारित करने का आश्वासन दिया गया है। Gujjar Reservation Rajasthan
वार्ता के बाद गुर्जर आंदोलन की अगुवाई करने वाले कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने संतुष्टि जताते हुए कहा कि उन्हें उनका हक सही समय पर मिलेगा। लिहाजा आंदोलन को स्थगित कर दिया गया है। अब 23 मई को केवल श्रद्धांजलि सभा होगी। Gujjar Reservation Rajasthan
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समझौता पत्र में गुर्जर समाज की मुख्य मांग ओबीसी में वर्गीकरण के मुद्दे को सबसे उपर रखा है। वार्ता में तय किए गए बिंदुओं को समय सीमा में बांधा गया है। इसके लिए प्रति सप्ताह समझौता पत्र की समीक्षा की जाएगी। केन्द्र सरकार की ओर से अन्य पिछड़ा वर्ग के वर्गीकरण के विषय को तय करने लिए गठित न्यायमूर्ति रोहिणी आयोग ने आगामी 4 जून को राजस्थान सहित मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश को बुलाने पर भी सहमति बनी है। Gujjar Reservation Rajasthan
समझौते के अनुसार राज्य सरकार 4 जून को रोहिणी कमेटी के सामने अपना पक्ष रखेगी। आयोग की ओर से अति पिछड़ा वर्ग के संबंध में दी जाने वाली रिपोर्ट में केन्द्र सरकार द्वारा किए जाने वाले निर्णय का राज्य सरकार अध्ययन कर इस संबंध में अपना निर्णय लेगी। आयोग शीघ्र ही अपनी रिपोर्ट देगा। Gujjar Reservation Rajasthan
वार्ता के बाद कैबिनेट सब कमेटी में शामिल मंत्री राजेन्द्र राठौड़, अरुण चतुर्वेदी और हेमसिंह भडाना सहित गुर्जर समाज की ओर से कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला समेत प्रतिनिधिमंडल ने समझौता पत्र पर अपनी सहमति दर्शाते हुए हस्ताक्षर किए हैं। Gujjar Reservation Rajasthan