हाल में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर राज्य की आंतरिक सुरक्षा और सूखा राहत से जुड़े विषयों पर विस्तार से चर्चा की। राजे ने जयपुर में एक नई रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) बटालियन, काउंटर टेररिज्म संस्थान एवं जोधपुर में आपराधिक न्याय संस्थान की स्थापना करने का आग्रह किया। गौरतलब है, राजस्थान की पाकिस्तान बॉर्डर से 1070 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा लगती है। पाकिस्तान से राज्य की सीमा सटी होने के कारण कई बार सीमा सुरक्षा में सेंध लगाकर पाकिस्तानी जासूस, आतंकवादी यहीं से राजस्थान और फिर देश के अन्य शहरों में प्रवेश करते रहे हैं। हालांकि, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के जवान पाकिस्तान से लगने वाले अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर पर 24 घंटे मुस्तैद रहते हैं लेकिन कई मर्तबा ज्यादा अंधेरे का फायदा उठाकर पाकिस्तानी नागरिक अवैध रूप से राजस्थान में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे राज्य के साथ देश की सुरक्षा को बड़ा खतरा बना रहता है।
राजस्थान में नई रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) बटालियन की होगी स्थापना
मुख्यमंत्री की यह मुलाकात राज्य के लिए कई मायने में खास रही। राजे ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से पुलिस आधुनिकीकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई अंब्रेला योजना के अंतर्गत जयपुर में एक नई रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) बटालियन की स्थापना को गति प्रदान करने के लिए सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) को आवश्यक निर्देश देने का अनुरोध किया। सीएम राजे ने बैठक के दौरान गृहमंत्री से काउंटर टेरेरिज्म संस्थान एवं जोधपुर में आपराधिक न्याय संस्थान की स्थापना के लिए अतिशीघ्र कार्यवाही करने और इनके लिए आवश्यक धनराशि मंजूर करने का भी आग्रह किया है।
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24 बॉर्डर इंटेलीजेंस चेक पोस्ट की होगी बहाली
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की स्टैंडिंग कमेटी की अनुशंसा के अनुरूप राजस्थान की 24 बॉर्डर इंटेलीजेन्स चेक पोस्ट को बहाल करने का भी आग्रह किया। इसके साथ ही उन पर होने वाले व्यय का पुनर्भरण सीमा क्षेत्र विकास परियोजना या अन्य किसी योजना से करवाने की मांग भी रखी।
राजे ने की मैनुअल-2016 के मानदंडों में व्यावहारिक संशोधन की भी मांग
गृहमंत्री राजनाथ सिंह से बैठक के दौरान मुख्यमत्री राजे ने बताया कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा लाए गए नए सूखा राहत मैनुअल-2016 के मानदंड काफी जटिल हैं। राजस्थान की विषम भौगोलिक परिस्थितियों में उन्हें लागू करना किसी भी प्रकार से व्यावहारिक नहीं होगा। इसमें सूखा प्रभावित क्षेत्र की घोषणा करने के लिए कई नई शर्तें जोड़ी गई हैं। ऐसे में राजस्थान के लिए इस नए मैनुअल को लागू करने की अनिवार्यता पर पुनर्विचार करना जरूरी है। जिससे संपूर्ण प्रदेश को इसका फायदा मिल सके।
मैनुअल के अनुसार 2 जिलों में नहीं किया जा सकता सूखा घोषित
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को बताया कि राजस्थान में खरीफ-2017 के लिए फसलों की गिरदावरी 16 सितम्बर से 15 अक्टूबर के बीच की गई है। गिरदावरी के अनुसार राज्य में 12 जिलों की 41 तहसीलों के 4065 राजस्व गांवों में 50 प्रतिशत से अधिक फसलों का खराबा पाया गया है।
सीएम ने आगे कहा कि मैनुअल की शर्तों के अनुसार हनुमानगढ़ जिले की तीन और भीलवाड़ा जिले की चार तहसीलों को सूखा क्षेत्र घोषित नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि राजस्थान में आपदा प्रबंधन एक्ट के कानूनी प्रावधानों के तहत राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का गठन किया गया है, जिसने आपदा प्रबंधन की व्यापक कार्य योजना तैयार की है।
सभी मांगों पर उचित कार्यवाही का मिला आश्वासन
सीएम राजे द्वारा बताए गए सभी मुद्दों पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जल्द ही उचित कार्यवाही का करने का भरोसा दिया है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गृहमंत्री सिंह की जल्द ही मंजूरी मिलने पर राजस्थान में विकास को और तेज रफ्तार मिलेगी।