पॉक्सो एक्ट में बदलाव को मंजूरी, 12 वर्ष तक की बच्चियों से रेप पर होगी सजा-ए-मौत

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    नाबालिगों से रेप की हालिया घटनाओं को देखते हुए देश के लोगों की मांग पर मोदी सरकार ने छोटी बच्चियों के खिलाफ अपराध रोकने के लिए कड़ा कदम उठाया है। अब 12 वर्ष तक की उम्र के बच्चों-बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा दी जाएगी। कैबिनेट ने शनिवार को एक बड़ा निर्णय लेते हुए पोक्‍सो एक्‍ट में बदलाव के लिए अध्‍यादेश को मंजूरी दे दी है। इस बैैठक में ‘प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेन्स’ यानी पॉक्सो एक्ट में संशोधन को हरी झंडी दी गई। pocso act

    इस संशोधन केे तहत देश में 12 साल या उससे कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप के दोषियों को मौत की सजा दी जा सकेगी। ऐसे मामलों में जांच का काम 3 महीनों में पूरा करना होगा। अपने ​विदेश दौरे से लौटने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो महत्वपूर्ण अध्यादेश पर चर्चा करने के लिए कैबिनेट की एक विशेष बैठक बुलाई। एक अध्यादेश छोटी बच्चियों से बलात्कार करने के वाले दोषियों को मृत्यदंड देने संबधित था। वहीं, दूसरा अध्यादेश देश से भागे संदिग्ध अपराधियों की संपत्ति जब्त करने के प्रवाध संबधित था।

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    सभी रेप केस के मामलों में 6 महीने के भीतर सुनाना होगा फैसला

    पॉक्सो एक्ट में संशोधन के बाद 12 साल की बच्चियों से रेप पर फांसी की सजा होगी। अगर 16 साल से छोटी लड़की से गैंगरेप होता है तो दोषियों को उम्रकैद की सजा दी जाएगी। 16 साल से छोटी लड़की से रेप पर कम से कम 20 साल तक की सजा प्रावधान होगा। कोर्ट को सभी रेप केस में 6 महीने के भीतर अपना फैसला सुनाना होगा। नए संशोधन के तहत रेप केस की जांच भी 2 महीने में पूरी करनी होगी। इन मामलों में अग्रिम जमानत भी नहीं मिलेगी।

    महिला से रेप पर सजा 7 से बढ़कर 10 साल होगी। अदालत 12 साल से अधिक और 16 साल से कम उम्र की लड़की से रेप के मामले में जमानत पर फैसला लेने से 15 दिन पहले लोक अभियोजक और पीड़िता के रिप्रेजेंटेटिव को नोटिस देगी। इसके अलावा राज्य/केंद्र शासित प्रदेश और हाईकोर्ट से सलाह-मशविरा करके नए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाएंगे। इसके अलावा लोक अभियोजकों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। साथ ही सभी पुलिस स्टेशन और हॉस्पिटल में रेप मामले की जांच के लिए स्पेशल फॉरेंसिक किट उपलब्ध कराई जाएगी। pocso act

    कठुआ और उन्नाव रेप केस के बाद देश के लोगों में देखा जा रहा भारी गुस्सा

    हाल ही में उन्नाव और कठुआ में हुए बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाओं से देश भर में रोष प्रकट किया जा रहा है और यह मांग की जा रही है कि ऐसा कानून बनाया जाए जिससे दोषियों को मौत की सजा अनिवार्य हो। ऐसी घटनाओं को लेकर देशभर में गुस्से के माहौल है। चारों तरफ से रेप के दोषियों को सजा दिलाने की मांग उठ रही है। इसी पृष्ठभूमि में सरकार बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने की योजना बना रही थी। pocso act

    फ‍िलहाल पॉक्सो कानून के प्रावधानों के अनुसार इस जघन्य अपराध के लिए अधिकतम सजा उम्रकैद है। वहीं, न्यूनतम सजा 7 साल की जेल है। जम्मू के कठुआ, गुजरात के सूरत और यूपी के उन्नाव कांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, जिसके बाद सरकार ने नाबालिग बच्चियों से रेप करने वालों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान करने का फैसला लिया है।

    हाल ही में यह बोले… प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी pocso act

    उन्नाव और कठुआ की घटनाओं पर अपनी पहली टिप्पणी में पीएम नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में कहा था कि किसी अपराधी को छोड़ा नहीं जाएगा और हमारी बेटियों को न्याय जरूर मिलेगा। इन शर्मनाक घटनाओं पर महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा था कि वो कठुआ और हाल में हुई दूसरी बलात्कार की घटनाओं से बहुत दुखी हैं और उनका मंत्रालय बहुत जल्द ही कानून में संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट के सामने पेश करेगा, ताकि रेप के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके।

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