राजस्थान में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के इस्तीफे के कुछ दिन बाद तक भी नए अध्यक्ष का नाम फाइनल नहीं हुआ है। परनामी ने प्रदेशाध्यक्ष पद से 16 अप्रैल को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद नए अध्यक्ष को लेकर गुरुवार को दिनभर अटकलों और चर्चाओं का दौर चलता रहा। दिल्ली से लेकर जयपुर तक चली अलग-अलग बैठकों के कारण कयास बनते-बिगड़ते रहे। President Ashok Parnami
राजस्थान भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष के तौर पर केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम सबसे आगे है। शेखावत का नाम आगे करने में भाजपा के केंद्रीय सह संगठन मंत्री वी. सतीश, राजस्थान प्रभारी अविनाश राय खन्ना की अहम भूमिका बताई जा रही है। शेखावत को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भी पसंद बताया जा रहा है। लेकिन जब तक केन्द्रीय संगठन से नाम बाहर नहीं आ जाता कुछ कहा नहीं जा सकता। यह तो तभी पता चल पाएगा जब पार्टी अध्यक्ष नए नाम की घोषणा करेंगे। President Ashok Parnami
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के दिल्ली लौटने के बाद होगी नए अध्यक्ष की घोषणा
राजस्थान भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष के नाम की घोषणा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह करेंगे। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह इनदिनों कर्नाटक के दौरे पर हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि उनके शनिवार को वापस दिल्ली लौटने के बाद ही राजस्थान के नए अध्यक्ष की घोषणा होगी। शाह शनिवार को दिल्ली लौटने वाले हैं और शनिवार को ही गजेंद्र सिंह शेखावत भी ग्रीस दौरे से दिल्ली लौट रहे हैं।
केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम प्रदेशाध्यक्ष के तौर पर तय माना जा रहा है। अगर अंतिम समय में कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष की घोषणा शनिवार को हो जाएगी। इस बीच, भाजपा संगठन में दिल्ली से लेकर जयपुर तक नेताओं की बैठकों में नए अध्यक्ष के नाम को लेकर सियासी समीकरणों पर पड़ने वाले असर को लेकर विचार-मंथन चला।
गजेंद्र सिंह शेखावत प्रदेशाध्यक्ष बने तो एससी वर्ग के बनाया जा सकता है डिप्टी सीएम President Ashok Parnami
हाल ही में राजधानी जयपुर में कैबिनेट मंत्री रामप्रताप, राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा और यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी के बीच बैठक हुई। हालांकि इस बैठक को औपचारिक बैठक नहीं बताया जा रहा, लेकिन इस बैठक में राजस्थान के भावी राजनीतिक परिदृश्य पर बात जरूर हुई। केन्द्रीय राजधानी दिल्ली में भी राजस्थान से जुड़े नेताओं में बैठकों का दौर चला।
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इस बीच अध्यक्ष के लिए कई दूसरे नए नाम भी उछलते रहे। लेकिन अध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं हो पाई। अध्यक्ष की दौड़ में शामिल केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल समर्थकों का मानना है कि पार्टी जिस दौर से गुजर रही है, उसमें किसी राजपूत के बजाय एससी वर्ग के व्यक्ति को अध्यक्ष बनाने से ज्यादा लाभ होगा। इसके पीछे हालिया दलित आंदोलन के कारण भाजपा से खिसके वोट बैंक को वापस जोड़ने का की बात की जा रही है। President Ashok Parnami
इन सबसे अलग भाजपा के रणनीतिकारों में यह भी मंथन चल रहा है कि यदि गजेंद्र सिंह शेखावत को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाता है तो फिर राज्य मंत्रिमंडल में जातिगत समीकरण बिठाने के लिए किसी एससी वर्ग के विधायक को प्रदेश का डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है जिससे सियासी संतुलन बिठाया जा सके। शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा के बाद ही पता चल पाएगा कि राजस्थान में कमान किसके हाथों में दी जाती है। बता दें, राजस्थान में इसी वर्ष के अंत में विधानसभा की 200 सीटों पर चुनाव होने हैं। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा करते वक्त पार्टी कई बातों को ध्यान में रखते हुए अंतिम फैसला लेगी।