सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के 41 ब्लॉक से बजरी खनन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह सभी 41 ब्लॉक बिना पर्यावरण स्वीकृति के चलाए जा रहे थे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस सभी 41 ब्लॉक से बजरी खनन पर रोक लगाने के बाद अब बजरी खनन के लिए केवल 12 ब्लॉक ही बचेंगे जहां से बजरी खनन किया सकता है। साथ ही राज्य सरकार को तत्काल खनन रोकने की दिशा में सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से एक ओर जहां बजरी की कीमतें आसमान छूने की कगार पर आ सकती है, वहीं मकान बनाना निश्चित तौर पर महंगा हो जाएगा।
आपको बता दें कि वर्ष 2013 में प्रदेश में बजरी के 105 ब्लॉक लीज पर लिए गए थे। इनमें से एनजीटी ने 5 वर्ष पूर्व 23 बजरी के ब्लॉक को बंद करा दिया था। सरकार ने शेष 82 ब्लॉक्स के लिए पर्यावरण स्वीकृति के आवेदन किए थे जिसमें से भी 27 ब्लॉक की लीज पिछले साल ही समाप्त हुई है। ऐसे में वर्तमान में बजरी के 53 ब्लॉक्स से खनन कार्य किया जा रहा था, जिनमें से 12 ब्लॉक को ही केन्द्र से पर्यावरण स्वीकृति मिली थी लेकिन 41 ब्लॉक बिना पर्यावरण स्वीकृति के चलाए जा रहे थे, जिन पर अब सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद ग्रामीण इलाकों में आवासीय क्षेत्रों के नजदीक हो रहे खनन के खिलाफ लोग खड़े हो गए हैं। भीलवाड़ा प्रदेश के कई इलाकों में ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर खनन ठेकेदारों को वहां से भगा दिया। वहीं दूसरी ओर सूचना आने के साथ बजरी ठेकेदारों ने भी बजरी की सप्लाई से हाथ खींच लिए हैं। इससे अब बजरी के भाव भी बढऩे की आशंका जताई जा रही है।