कुछ लोग भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना को सामान्य योजना मानकर इसका लाभ लेने में पहल नहीं करते, इसी बीच इस योजना से गरीब की जान बचने का धौलपुर जिले का एक और मामला सामने आया है। हार्ट अटैक आने के बाद केदारसिंह के दोनो लडकों ने खेत बेच कर इलाज करवाने की सोची लेकिन खेत की कीमत से पूरा इलाज सम्भव वहीं था। वे हर तरफ से निराश होकर आने वाली अनहोनी के लिए तैयार बैठे थे तभी भाग्य ने उन्हें जिला अस्पताल पहुंचा दिया जहां प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ0 जनार्दन सिंह परमार ने उन्हें भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना की जानकारी देकर एसएमएस, जयपुर रैफर कर दिया। जहां 2 लाख रुपये से ज्यादा के खर्च से उसकी सारी जॉंचे की गई और सफलतापूर्वक एंजियोप्लास्टी हुई।
केदार को जांच, आपॅरेशन, दवा में एक पैसा भी खर्च नहीं करना पडा। धौलपुर जिले के राजाखेडा तहसील की सामौर ग्राम पंचायत के मढई ग्राम में रहने वाले केदारसिंह को गत वर्ष 20 दिसम्बर को हार्ट अटैक आया। घरवाले अटैक को समझ नहीं पाये । बाद में पता चला तो हाथ-पांव फूल गये क्योंकि माना जाता है कि अधिकतम 3 अटैक आते हैं। इसके बाद जीवन की आशा कम हो जाती है। एन्जियेप्लास्टी ही एकमात्र समाधान है। केदार के दोनो बेटों ने राजाखेडा में निजी चिकित्सकों से सम्पर्क किया तो आगरा, ग्वालियर या जयपुर में 2-3 लाख रुपये में ऑपरेशन होने और फिर हर महीने 5 हजार रुपये की दवा का खर्चा बताया।
गरीबी प्यार को तो कम नहीं कर सकती। बेटों ने 5 बीघा के खेत को बेचने का निर्णय लिया लेकिन उसकी कीमत इलाज के लिए कम पड रही थी। सौभाग्य से जल्द की केदार को वे जिला अस्पताल ले आयेे जहां प्राथमिक उपचार हुआ लेकिल जांच में खतरनाक स्तर की डायबिटीज मिली। डॉ. जनार्दन सिंह ने उनकी सारी चिन्ता दूर करते हुए केदार को 30 दिसम्बर को एसएमएस, जयपुर रैफर कर दिया। एसएमएस में कार्डियोलॉजी की तीसरी यूनिट के प्रभारी प्रोफेसर राजीव बगरहट्टा के निर्देशन में एन्यिोग्राफी व अन्य जांचे हुई। फिर प्रो0 राजीव ने ही सफल एन्जियोप्लास्टी की। एक माह तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद 30 जनवरी को केदार को डिस्चार्ज किया गया। अब वह नियमित रूप से दवा ले रहा है। रक्तचाप और डाइबिटीज काफी स्तर तक कन्ट्रोल में है। मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना में उसे हर माह लगभग 5 हजार रुपये बाजार मूल्य की दवा मिल रही है। कम पढा लिखा केदार सिर्फ इतना जानता है कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना बहुत बढिया योजना है। इसने मेरी जान बचाई है।