द्रव्यवती नदी को निखारने के लिए मुख्यमंत्री राजे ने उठाया यह कदम, अब जल्द ही मिलगा राजधानी को रिवर फ्रंट

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राजधानी जयपुर में बरसों पुरानी द्रव्यवती नदी सौन्दर्यन प्रोजेक्ट की राह में सेना क्षेत्र मुसिबत बनता जा रहा है। सेना क्षेत्र के दायरे में आ रहे 3.5 किलोमीटर लंबी द्रव्यवती नदी का सौन्दर्यन का कार्य सेना अधिकारियों की अनुमति के बिना नही हो पा रहा है। इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने देश के रक्षा मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखा है। अपने पत्र में मुख्यमंत्री राजे ने द्रव्यवती नदी सौन्दर्यन प्रोजेक्ट के बारें में बताया है साथ ही मुख्यमंत्री राजे ने पत्र में कहा है कि स्थानीय सैनिक अधिकारियों से इस प्रोजेक्ट में सहयोग करने की अनुमति प्रदान करे। मुख्यमंत्री राजे ने इसके लिए द्रव्यवती नदी को पुनर्जीवित करने की बात कही है। इसमें अंबाबाड़ी पुलिया से लेकर हसनपुरा पुलिया से पहले तक का 3.5 किमी लंबा हिस्सा सेना क्षेत्र में शामिल है। हालांकि एक दिन पहले सेना और जेडीए अधिकारियों ने मौका मुआयना  भी किया है ।

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मुख्यमंत्री राजे ने दी द्रव्यवती नदी सौंदर्यन प्रोजेक्ट की जानकारी

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रक्षा मंत्री को लिखे गये अपने पत्र में द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी । उन्होने लिखा कि जयपुर विकास प्राधिकरण 45 किमी लंबी पुरानी द्रव्यवती नदी को पुनर्जीवित करने का काम कर रहा है जो जयपुर शहर में से गुजर रही है। इस नदी का उदगम स्थल नाहरगढ़ की पहाड़ियों से हुआ है जो ढूंढ नदी में जाकर मिलती है। 1600 करोड़ रुपए के इश प्रोजेक्ट का उद्देश्य ने केवल नदी को जीवित करना है बल्कि खुला और हरियाली क्षेत्र को मनोरंजन के लिए उपयोगी भी बनाना है। उन्होने लिखा कि अभी तक इस प्रोजेक्ट में करीब 300 करोड़ रुपए का काम किया जा चुका है।

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सौन्दर्यन के लिए सेना की अनुमति आवश्यक

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रक्षा मंत्री अरुण जेटली को मौका स्थिती की जानकारी दी है। उन्होने जेटली से कहा है कि सेना के स्थानीय अधिकारियों को कहें कि वे अनुमति दे, जिससे की मौके पर काम तय समय में पूरा किया जा सके। काम खत्म होने के बाद अगर सेना अनुमति देती है तो लोग इस हिस्से से गुजरने वाली रीवर फ्रंट पर घूम सकेंगे।

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यह हैं वर्तमान स्थिती

3.5 किलोमीटर लंबा एरिया है जहां काम शुरू करना है। जेडीए ने सेना को काफी पहले ही सर्वे और सौंदर्यन करने का पत्र सौंप दिया था। लंबी प्रक्रिया के बाद सेना की सर्वे करने की अनुमति मिली। सौन्दर्यन को लेकर अनुमति के लिए लंबे समय से बातचीत चल रही है। यहां 150 फीट चौड़ाई में सौन्दर्यन होना है । इस हिस्से में किसी तरह का पार्क, कॉमर्सियल निर्माण नही किया जाएगा।

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