मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे प्रदेश की जनता को हर हाल में राहत प्रदान करना चाहती है। प्रदेश के गरीब या सामान्य तबकों को राहत देने के लिए राजे सरकार ने कई अहम फैसले लिए है। मुख्यमंत्री राजे राजकीय कार्य में किसी प्रकार की कोई अक्ष्मयता नही देखना चाहती, राज्य के लोगों के काम त्वरित और संतोष प्रद हो इसके लिए एक नया तरीका ईजाद किया है। मुख्यमंत्री राजे ने एक नई व्यवस्था शुरू कि है जिसके तहत राज्य कर्मचारियों को जनता के काम करने ही पड़ेंगे। राज्य सरकार ने जो राज्य कर्मचारी काम-काज करने में असंतोषजनक, काम करने में अक्षम, अकर्मण्य, जनता के अहित और संदेहाप्रद कार्य कर रहे है उन्हे घर बिठाने की तैयारी कर ली है।
15 साल की नौकरी करने वाले निकम्मों की होगी छुट्टी
राजस्थान सरकार के अन्तर्गत कार्मिक विभाग ने प्रदेश के सभी विभागों को यह आदेश दिए है। इन आदेशों के तहत राजस्थान सरकार ऐसे राज्य कर्मचारियों को सेवानिवृति देने की तैयारी कर रही है जो काम-काज करने में असंतोषजनक, काम करने में अक्षम, अकर्मण्य, जनता के अहित और संदेहाप्रद कार्य कर रहे है। कार्मिक विभाग के आदेशानुसार 15 साल की सेवा पूरी कर चुके या 50 साल की आयु पूरी करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को 3 महीने का नोटिस देकर या तीन महीनों की तनख्वाह देकर यथाशीघ्र कार्रवाई कर अनिवार्य रुप से सेवानिवृत किया जाए।
सभी विभाग छंटनी करना शुरू करें
राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव ओ.पी मीणा की ओर से जारी आदेशों के तहत प्रदेश के सभी विभाग अपने कर्मचारियों और अधिकारियों की स्क्रिनिंग करना शुरू कर दें। विभागाध्यक्ष अपने विभागों की लिस्ट बना कार्मिक विभाग को सौंपे और जो अधिकारी काम का नही हो उसे त्वरित गति से 3 महीनों में अनिवार्य सेवानिवृति देने की कार्यवाही पूरी करें।
जनकल्याण कार्यों में तेजी लाना चाहती है राज्य सरकार
राजस्थान सरकार ऐसे कार्मिकों को सेवानिवृति देकर विभागों की कार्यप्रणाली की सुगम और सरल करना चाहती है। अक्सर किसी भी सरकार में कार्य ना होने या जनता के कल्याण के कार्यों का धीरे होने का कारण ऐसे ही अधिकारी कर्मचारी होते है। मुख्यमंत्री राजे प्रदेश की जनता को भलाई देने के लिए यह कदम उठाया हैं।