बेरोजगार हॉकी स्टार को खेल मंत्री राठौड़ का आश्वासन

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    भारतीय महिला हॉकी टीम की गोलकीपर सविता पूनिया के लिए अच्छी खबर यह है ​कि जल्द ही सरकार उन्हें नौकरी दे सकती है। हाल ही में महिला एशिया कप में भारत की जीत में सविता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सविता के शानदार प्रदर्शन की बदौलत ​ही भारत ने महिला एशिया कप फाइनल में चीन को 5-4 से हराकर खिताब अपने नाम किया था। इस खिताबी मुकाबले का फैसला पैनल्टी शूटआउट से हुआ। जिसमें सविता ने शानदार तरीके से गोल बचाकर खिताब देश के नाम कर दिया। इससे पहले मैच का निर्धारित समय खत्म होने पर दोनों टीमें 1-1 से बराबर थीं। सविता के शानदार प्रदर्शन के बाद मीड़िया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि वे 150 से ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेल चुकी है लेकिन अभी तक उनके हाथ में नौकरी नहीं है। महिला हॉकी एशिया कप की स्टार बनीं सविता की इस बात को मीड़िया ने अपनी ख़बरों में प्रमुखता से जगह दी। जिसके बाद सविता को अब हरसंभव मदद का आश्वासन मिला है।

    खेल मंत्री राठौर ने दिया हरसंभव मदद का आश्वासन

    सरकारी नौकरी के लिए जूझ रही भारतीय महिला हॉकी टीम की गोलकीपर सविता पूनिया को अब खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौर का आश्वासन मिला है। मंत्री राठौर ने ट्वीट करते हुए कहा कि, सरकार की तरफ से सविता पूनिया को हरसंभव मदद दी जाएगी। ट्वीट में मंत्री ने लिखा ​कि, मैंने अपनी टीम से सविता पूनिया के बारे में सारी ‌डिटेल लाने को कहा है। मैं आश्वासन देता हूं कि सरकार की तरफ से सविता पूनिया को हरसंभव सहयोग दिया जाएगा। हमारी सरकार की नीति सुविधा और सम्मान है। हम इसी तर्ज पर कार्य कर रहे हैं। ऐसे में अब उम्मीद की जा रही है कि खेल मंत्री का यह ट्वीट आश्वासन नहीं रहेगा। सविता को सरकार जल्द ही नौकरी दे सकती है।

    भारतीय टीम ने विश्वकप के लिए किया क्वालीफाई

    स्टार गोलकीपर सविता पूनिया की बदौलत महिला एशिया कप जीतने वाली भारतीय टीम ने हॉकी विश्वकप 2018 के लिए भी क्वॉलिफाई कर लिया है। भारतीय महिला टीम ने दूसरी बार हॉकी में एशिया कप पर कब्जा जमाया है। इससे पहले भारत ने 2004 में जापान को 1-0 से मात देते हुए एशिया कप खिताब अपने नाम किया था। चीन पर फाइनल में जीत से भारतीय टीम ने 2009 में एशिया कप के खिताबी मुकाबले में चीन से मिली हार का बदला भी ले​ लिया है।

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    जापान में ​खिताब ​जीतकर लौटने पर यह बोली सविता

    चीन को एशिया कप के फाइनल में हराकर जापान से लौटने के बाद गोलकीपर सविता ने कहा था, ‘मेरी उम्र 27 वर्ष होने वाली है और पिछले नौ साल से मैं सरकारी नौकरी मिलने का इंतजार कर रही हूं। उन्होंने आगे कहा कि अब भी अपने खर्च के लिए माता-पिता पर निर्भर रहना पड़ता है। नौकरी मिलने पर उनका खेल और बेहतर हो सकता है। हरियाणा सरकार की ‘मेडल लाओ, नौकरी पाओ ’ योजना के तहत मुझे उम्मीद बंधी थी, लेकिन वहां से भी अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिलते रहे हैं।’

    2008 में शुरू हुआ था इंटरनेशनल करियर

    हरियाणा के हिसार जिले की रहने वाली सविता पूनिया ने 2008 में इंटरनेशनल हॉकी में आगाज किया। सविता एशिया कप के दौरान अपने करियर का भारतीय टीम की ओर से 150वां मैच खेलीं। इन्होंने अपने दादा महिंदर सिंह की इच्छा के कारण हॉकी खेलना शुरू किया। सविता ने 2009 में हुए जूनियर हॉकी एशिया कप में भारत की जीत में अहम महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

    ‘मेडल लाओ-नौकरी पाओ’ स्कीम से भी नहीं मिली सविता को नौकरी

    राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई ‘मेडल लाओ-नौकरी पाओ’ स्कीम के तहत सविता पूनिया को नौकरी मिल जानी चाहिए थी। लेकिन लंबे समय से पूनिया इंतजार ही कर रही है उन्हें हरियाणा सरकार की ओर से अभी तक नौकरी नहीं मिली है, मिला है तो सिर्फ और सिर्फ कोरा आश्वासन।

    Savita Poonia Rajyavardhan Rathore

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