देश की आजादी के छह दशक बाद भारत-पाक बॉर्डर से सटे राजस्थान के बाड़मेर जिले के 19 सरहदी गांव पहली बार सौर ऊर्जा से रोशन हो रहे हैं। डेजर्ट नेशनल पार्क में आने वाले इन गांवों में आधारभूत सुविधाएं मुहैया नहीं हो पाई है। मुख्यमंत्री ग्रामीण विद्युत योजना के प्रथम चरण में 1029 घरों को सौर ऊर्जा कनेक्शन दिए गए हैं। दूसरे चरण में बिजली से वंचित करीब 1400 ढाणियों को सौर ऊर्जा से जोड़ना प्रस्तावित है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना से बिजली कनेक्शन देने से पहले गांव व ढाणियों को बिजली से जोड़ने की मुहिम चल रही है। राजीव गांधी विद्युतीकरण, मुख्यमंत्री विद्युतीकरण समेत योजना से सालाना अरबों खर्च होने के बावजूद 19 गांव व 1400 ढाणियां अंधेरे में हैं।
469 करोड़ आवंटित पर सरकारी स्तर पर टेंडर नहीं
जिले में राजीव गांधी विद्युतीकरण, मुख्यमंत्री विद्युतीकरण समेत योजना से सालाना अरबों रुपए का बजट खर्च होने के बावजूद 19 गांव व 1400 ढाणियां बिजली से वंचित है। पीएचईडी के 2004 के सर्वे को आधार मानते हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना से घर-घर बिजली कनेक्शन जारी होंगे। बाड़मेर को 469 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है, लेकिन सरकार स्तर पर टेंडर जारी नहीं हुए है। ऐसे में बिजली से वंचित गांव व ढाणियों को मुख्यमंत्री ग्रामीण विद्युत योजना से सौर ऊर्जा कनेक्शन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
इन गांवों में पहुंची पहली बार बिजली
गडरारोड क्षेत्र के सरगुवाला, ढूठोड़ा, मायाणी, मठाराणी, खिंयाणी समेत जिलेभर के 19 गांवों के 2056 घरों में सौर ऊर्जा से जोड़ा गया है। इस योजना के लिए सरकार ने कोलकत्ता की मॉर्डन सूरज प्रा.लि. को टेंडर दिया है। कंपनी को चिन्हित गांव व ढाणियां को 2017 तक सौर ऊर्जा से जोड़ने का लक्ष्य दिया गया है। प्रथम चरण में करीब दो हजार घरों को सौर ऊर्जा से जोड़ा गया है। शेष रहे गांवों में जनवरी तक काम पूरा हो जाएगा। दूसरे चरण में 1400 ढाणियां को सौर ऊर्जा कनेक्शन जारी होंगे।
सौर ऊर्जा में 95% सब्सिडी
केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सौर ऊर्जा कनेक्शन में 95 फीसदी सब्सिडी है। उपभोक्ता को महज पांच फीसदी राशि ही जमा करवानी होगी। सेटअप की लागत 20600 रुपए निर्धारित है। इसमें उपभोक्ता को 1029 रुपए जमा करवाने है। इस बारे में आरआरईसी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुरेंद्र माथुर का कहना है कि योजना में 19 गांवों में 2056 सौर ऊर्जा कनेक्शन जारी हो चुके हैं। 1400 ढाणियों को अप्रैल तक सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा।
राजस्थान सरकार को सौर ऊर्जा में मिली केंद्र की सरहाना
ऊर्जा क्षमता और संरक्षण कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए देश भर के राज्यों की एक रैंकिंग में राजस्थान को आंध्रप्रदेश के बाद दूसरा स्थान मिला है। राजस्थान सरकार के ऊर्जा के क्षेत्र में किए गये सरहानीय कार्यों से प्रदेश को यह गौरव हासिल हुआ है। ऊर्जा क्षमता और संरक्षण कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में विश्व बैंक द्वारा जारी रैंकिंग में आंध्रप्रदेश 42.01 अंकों से साथ पहले नंबर पर है जबकि राजस्थान 41.89 अंकों के साथ देश में दूसरे स्थान पर काबिज है। राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश में संभावित ऊर्जा क्षमता का महत्व समझते हुए इसे अपनाने के भरपूर प्रयास किये। प्रदेश में बढ़ती बिजली की मांग को देखते हुए ऊर्जा क्षमता को बढ़ावा देने के प्रयासों में तेजी लाई जा रही है।