गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया का कांग्रेस को बहस के लिए ललकारना आखिर भारी पड़ गया। मंगलवार को जयपुर के पिंकसिटी प्रेस क्लब में कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष अर्चना शर्मा दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक कटारिया का इंतजार करती रहीं, लेकिन कटारिया नहीं पहुंचे। कटारिया सचिवालय के अपने दफ्तर में जरूरी फाइलें निबटाते रहे। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष अर्चना शर्मा को गृहमंत्री कटारिया ने अर्चना जी को कहा कि आपकी उम्र और राजनीतिक अनुभव कम है। आपको प्रशासनिक अनुभव भी नहीं है। इसलिए मैं बहस के लिए नहीं आ सकता।
कांग्रेस उपाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि कटारियाजी राजनीति में उम्र और अनुभव के मानदंड आप तय नहीं कर सकते। बहस के लिए आपने यह कहते हुए चुनौती दी थी कि कांग्रेस से कोई भी आए और मुझसे बहस कर ले। लेकिन अब आप अपनी ही बात से पीछे हट रहे हैं। यह ठीक नहीं है।
कटारिया ने कहा कि आप पार्टी प्रवक्ता हैं। आपका काम मेरी बात पार्टी नेताओं तक पहुंचाना हैं। मैं वरिष्ठ नेताओं से बहस को तैयार हूं। जयपुर प्रेस क्लब में पूर्व मंत्री बृजकिशोर शर्मा, जयपुर शहर जिलाध्यक्ष प्रतापसिंह खाचरियावास और उदयपुर से कांग्रेस नेता दिनेश श्रीमाली भी पहुंचे थे।
कटारिया ने मुख्यमंत्री के उदयपुर प्रवास के दौरान 21 दिसंबर को एक कार्यक्रम में कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि कांग्रेस के लोग मुझ पर झूठी वाहवाही बटोरने के आरोप लगा रहे हैं। मैं चुनौती देता हूं, वे 50 साल का लेखा-जोखा लेकर बहस कर लें। मैंने उन्हें निरुत्तर नहीं किया तो राजनीति छोड़ दूंगा।
कांग्रेस उपाध्यक्ष अर्चना शर्मा ने 23 दिसंबर को कटारिया की चुनौती स्वीकारते हुए उनसे कहा कि वे जब चाहें, बहस कर सकते हैं। कटारिया जगह और समय तय कर लें। वे चाहें तो यह बता दें कि हमें कहां आना है।
कटारिया ने कांग्रेस को 26-27 दिसंबर जयपुर बहस की तिथि बताई। बोले कि जगह फोन करके कांग्रेस के नेता तय कर लें। कांग्रेस ने कटारिया को 27 दिसम्बर जयपुर प्रेस क्लब में दोपहर 12 बजे से बहस की तिथि निर्धारित की। बहस का समय बताए जाने के बाद कटारिया ने बयान दिया था कि अर्चना शर्मा को ज्यादा राजनीतिक अनुभव नहीं है ।उनके बराबर का कोई नेता आए तो बहस करेंगे।
बहस-बहस नहीं खेलें, मेवाड़ के विकास में लगाएं ऊर्जा
गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने मंगलवार को जयपुर के पिंकसिटी प्रेस क्लब में जाकर बहस करने से भले इनकार कर दिया हो, लेकिन इस घटना के बाद उनके तेवर निश्चित ही प्रभावित होंगे। वे अब तक सड़क से लेकर सदन तक बहस के लिए जिस तरह दहाड़ते थे, वैसा अब शायद न हो, क्योंकि इस बार उनका दांव उलटा पड़ गया। कटारिया ने कुछ दिन पहले एक सभा में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर अपशब्द भी बोल दिए थे। आम लोगों का मानना है कि प्रदेश में कटारिया जैसे सम्मानित और वरिष्ठ नेता को भावुकता और ऐसे विवादों से अपने आपको दूर रखना चाहिए। मेवाड़ के वे इकलौते ताकतवर नेता हैं और उन्हें अपनी ऊर्जा मेवाड़ की उन्नति में लगानी चाहिए।
देवनानी बोले-कांग्रेस के पूर्व शिक्षामंत्री करें बहस
प्रदेश की कानून-व्यवस्था सहित अन्य मुद्दों पर राज्य के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कांग्रेस से बहस की चुनौती स्वीकार कर ली। लेकिन, यह कहते हुए पीछे हट गए कि वे सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट, नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी या फिर पूर्व अध्यक्ष बीडी कल्ला सरीखे नेताओं से बहस को तैयार हैं। इसको लेकर कटारिया ने मंगलवार दोपहर कांग्रेस की मीडिया चेयरपर्सन डा. अर्चना शर्मा से फोन पर बात भी की। इस बीच अर्चना शर्मा सहित कांग्रेसी नेता चार घंटे तक प्रेस क्लब में कटारिया का इंतजार करते रहे। वहीं, कटारिया सचिवालय में अपने दफ्तर में बैठकर फाइलें निकालने में व्यस्त दिखे।