जयपुर। राजस्थान में अपराधिक घटनाएं चरम पर है। अशोक गहलोत सरकार प्रदेश में कानून राज स्थापित करने में विफल साबित हो चुकी है। प्रदेश के जिलों में हिंसा के बाद धारा 144 लगाई गई है। करौली में हुई हिंसा के बाद तनाव का माहौल है। इसी बीच अब अजमेकर में धारा 144 लगा दी गई है। अजमेर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी संपति तथा चौराहों पर धार्मिक प्रतीक के झंडे लगाने पर पांबदी लगाई गई है। इसके साथ ही तेज आवाज वाले डीजे बजाने पर भी रोक लगा दी गई है।
रामनवमी और महावीर जयंती पर्व के लिए लगाई धारा 144
बताया जा रहा है कि प्रशासन ने 10 अप्रेल को रामनवमी और 14 अप्रेल को महावीर जयंती के पर्व को देखते हुए धारा-144 लगाई है। अजमेर में इस दौरान भव्य शोभायात्राएं निकलती हैं। अजमेर सांप्रदायिक दृष्टिकोण से काफी संवेदनशील है। वहीं करौली में हिंदू-मुस्लिम तनाव को देखते हुए सरकारी संपति और चौराहों पर धार्मिक झंडे लगाने पर रोक लगाई गई है।
एक महीने तक धार्मिक पर्व पर रोक
अजमेर जिला कलक्टर की ओर से जारी आदेशों में किसी भी धार्मिक पर्व का नाम नहीं लिया गया है। लेकिन एहतियात के तौर पर कलेक्टर ने पूरे जिले में इन पर 7 अप्रेल से आगामी एक माह तक रोक लगा दी है। इन आदेशों पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कोटा और बीकानेर के बाद अब अजमेर में भी तुगलकी फरमान जारी किया गया है। इस मुद्दे पर राजस्थान में एक बार फिर से राजनीति गरमाने के आसार बन गये हैं।
प्रदेश का तीसरा शहर है जहां लगाई धारा-144
आपको बता दें कि राजस्थान में बीते एक माह में अजमेर सहित तीन शहरों में धारा-144 लगाई गई है। इससे पहले ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर कोटा में धारा-144 लगाई गई थी। वहीं उसके बाद इस माह के प्रथम सप्ताह में बीकानेर शहर में धारा-144 लगाई थी। बीकानेर में हिन्दू धर्म यात्रा और महाआरती से पहले धारा-144 लगाई गई थी। हाल ही में करौली शहर में नवसंवत्सर के मौके पर हिन्दू संगठनों की ओर से निकाली गई बाइक रैली पर पथराव के बाद वहां हिंसा भड़क गई थी। करौली शहर सांप्रदायिक उपद्रव की भेंट चढ़ गया था।
बीजेपी ने जमकर किया विरोध
कोटा और बीकानेर में लगाई गई धारा-144 का बीजेपी ने जमकर विरोध किया था। दोनों शहरों में लगाई गई धारा-144 पर राजस्थान में राजनीति गरमायी हुई रही थी। इन मामलों को लेकर बीजेपी गहलोत सरकार पर हमलावर हो गई थी। अब अजमेर में धारा-144 लगाये जाने से एक बार फिर से सियासी उबाल आने की संभावना है।