एक ऐसे इंसान जिन्हें लौह पुरूष की संज्ञा दी गई है। जिन्होंने देश की 562 छोटी—बड़ी देसी रियासतों को एक कर विशाल भारत की एकता को एक सूत्र में बांध दिया। 70 साल बाद आज हम जिस एक भारत की तस्वीर देख रहे हैं, उसका श्रेय उन्हें ही जाता है। ऐसी ही शख्सियत का नाम है सरकार वल्लभ भाई पटेल। आज उनकी जयंती है। उनका जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात के नाडियाड़ गांव के एक किसान परिवार में हुआ था। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद उन्होंने बैरिस्टर की उपाधि ली और देश सेवा में जुड़ गए। उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज उनके जन्मदिवस को देशभर को पूरे राजस्थान में मनाया जा रहा है और कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों की शुरूआत रन फॉर यूनिटी से हो चुकी है। sardar vallabhbhai patel jayanti
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एकता, अखंड़ता व सुरक्षा की शपथ ली जाएगी
बात करें राजधानी जयपुर की तो राष्ट्रीय एकता दिवस पर विधानसभा के सामने जनपथ पर देश की एकता, अखंड़ता व सुरक्षा की शपथ ली जाएगी जिसमें मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित सैंकड़ों लोग उपस्थित होंगे। इसे पहले शहर के अमर जवान ज्योति से लेकर स्टेच्यू सर्किल तक दौड़ का आयोजन हुआ, जिसमें स्कूल और कॉलेज के छात्रों, आम नागरिक, खिलाड़ी और राजनेताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री सी.आर. चौधरी ने सभी उपस्थित लोगों केा एकता की शपथ दिलाई और हरी झंड़ी दिकाकर दौड़ को रवाना किया। रन फॉर यूनिटी में जयपुर शहर के मेयर अशोक लाहोटी, सांसद रामचरण बोहरा, गृहमंत्री गुलाब चन्द कटारिया, मंत्री कालीचरण सराफ और कई स्कूलों के बच्चे भी मौजूद रहे।
विद्यालयों में मनाया जाएगा अखंडता क्लब
दूसरी ओर, प्रदेश भर के सभी विद्यालयों में अखंडता क्लब भी मनाया जाएगा, जिसमें स्टूडेंट्स इन एक्टिविटीज पर चर्चा होगी। कई स्कूलों में सरदार वल्लभ भाई पटेल पर प्रदर्शनी भी लगाई गई है। प्रदेश के कई स्कूलों में सरदार वल्लभ भाई पटेल और भ्रष्टाचार मुक्त भारत, नैतिक शिक्षा व देश को भ्रष्टाचार मुक्त करने में आईटी का योगदान जैसे विषयों पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जा रहा है। देशभक्ति और सरदार वल्लभ भाई पटेल पर भाषण व स्लोगन जैसी प्रतियोगिताएं भी जगह—जगह पर देखी जा सकती हैं। sardar vallabhbhai patel jayanti
कौन थे सरदार वल्लभ भाई पटेल
भारत के स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को नडियाद, गुजरात में एक लेवा गुर्जर कृषक परिवार में हुआ था। वे झवेरभाई पटेल एवं लाडबा देवी की चौथी संतान थे। सोमाभाई, नरसीभाई और विट्टलभाई उनके अग्रज थे। उनकी शिक्षा मुख्यतः स्वाध्याय से ही हुई। लन्दन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे। महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होने भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लिया। बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहाँ की महिलाओं ने सरदार की उपाधि प्रदान की। आजादी के बाद देशभर में फैली 562 छोटी—बड़ी देसी रियासतों को एकीकरण में बांध विशाल भारत का निर्माण करने में उनका बड़ा योगदान है। विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरूष भी कहा जाता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल आजाद भारत के पहले गृहमंत्री और उप—प्रधानमंत्री बने। 15 दिसंबर, 1950 में मुबंई में 75 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ।