हाल ही में हुए राजस्थान उपचुनाव में सत्ताधारी भाजपा को कड़ी टक्कर देते हुए कांग्रेस ने जीत दर्ज की। उपचुनाव की अलवर, अजमेर लोकसभा व मांडलगढ़ विधानसभा सीट जीतने में कांग्रेस सफल रही। तीनों सीटें गंवाने के बाद भाजपा ने हार पर आत्ममंथन शुरू कर दिया है। कांग्रेस की जीत ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को बड़े लंबे समय के बाद बड़ी खुशी दी है। इसकी वजह यह है कि भाजपा वर्तमान में 19 राज्यों में शासन कर रही है। Sachin Pilot Rajasthan
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गिने—चुने राज्यों में ही कांग्रेस की सरकार है। कांग्रेस लंबे समय से जीत को तरस रही थीं। यही वजह है कि कांग्रेस की प्रदेश उपचुनाव में जीत के बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से इस्तीफा मांग लिया था। उनका कहना था कि केन्द्र और प्रदेश में बीजेपी सरकार होने के नाते चुनाव में हार से उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। पायलट के इन बोल से तो यही लगता है कि उनको उपचुनाव में जीत का अभिमान हो गया है। आइये ऐसे में जानते हैं कि जीत का अभिमान सचिन पायलट को क्यों ले डूबेगा… Sachin Pilot Rajasthan
धौलपुर उपचुनाव में करारी हार के बाद पायलट को देना चाहिए था इस्तीफा
राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने उपचुनाव में पार्टी की जीत के बाद वर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर तंज कसते हुए कहा था कि सीएम राजे को मुख्यमंत्री पद से अब इस्तीफा दे देना चाहिए। उनका कहना था कि केन्द्र और प्रदेश में भाजपा सरकार होने के बावजूद भी भाजपा उपचुनाव में जीत दर्ज नहीं कर सकी, इसका बड़ा कारण प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी और कार्य हैं। Sachin Pilot Rajasthan
अब पायलट को कौन समझाये कि धौलपुर उपचुनाव में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त के बाद क्या पायलट ने अपने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले सचिन पायलट खुद अजमेर लोकसभा सीट से 2014 के आमचुनाव में भाजपा के ही दिग्गज नेता स्वर्गीय सांवरलाल जाट से करीब 2 लाख मतों से बुरी तरह हारे थे। जबकि इससे पहले पायलट अजमेर से सांसद रह चुके थे। और हां, अगर पायलट को इतना ही अभिमान है जीत पर तो वे खुद ही क्यों नहीं खड़े हुए इस उपचुनाव में। राजे के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रदेश में विकास और रोजगार को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन यह जनता का फैसला है पार्टी को मानना पड़ेगा। Sachin Pilot Rajasthan
जीत पर अभिमान करने की बजाय पायलट जनता का शुक्रिया अदा करे..
पिछले चुनाव में अजमेर लोकसभा सीट से बुरी तरह चुनाव हारने वाले सचिन पायलट को जीत पर अभिमान करने की बजाय जनता का शुक्रिया अदा करना चाहिए। क्योंकि जनता सिर पर बैठा सकती है तो उतार भी सकती है। सचिन पायलट भाजपा सरकार के विकास और बेरोजगारी की बात कर रहे हैं तो वे खुद जनता से सामने यह भी बताएं कि उनकी कांग्रेस सरकार ने कितना विकास करवाया था। उस समय भी केन्द्र और राजस्थान में कांग्रेस सरकार ही थी। 2013 के विधानसभा और 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की थी। Sachin Pilot Rajasthan
पायलट की बातों के मुताबिक अगर कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में विकास कार्य किए और बेरोजगारी हटाई तो फिर कांग्रेस को पिछले चुनाव में क्यों हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में सभी 25 सीटों पर और विधानसभा की 200 में से रिकॉर्ड 163 सीटों पर जीत दर्ज की थी। Sachin Pilot Rajasthan
अभी इसी साल के अंत में फाइनल चुनावी रण होना बाकी है तो फिलहाल कांग्रेस की उपचुनाव मे जीत के कोई खास मायने नहीं है। बीजेपी उपचुनावों में अपनी हार का पता लगाकर खास रणनीति बनाते हुए आगामी चुनावों में एक बार फिर से जीत दर्ज करेगी। वहीं, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की अभी असली चुनावी परीक्षा होना बाकी है। Sachin Pilot Rajasthan