विश्व का सबसे बड़ा रोटः 20 घंटे में तैयार हुआ 2700 किलो का रोट, क्रेन से भट्‌टी में सिकाई के लिए रखा

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    जयपुर। प्रदेश के सीकर जिले में इन दिनों एक विशेष प्रकार का रोट सुर्खियों में छाया हुआ है। सीकर के प्रसिद्ध देवीपुरा बालाजी धाम में 2700 किलो के विशेष रोट का भोग लगाया गया। यह रोट 20 घंटे में तैयार हुआ। शुक्रवार सुबह पांच बजे बनना शुरू हुआ और शनिवार रात तीन बजे बन पाया। देवीपुरा बालाजी धाम के महंत ओमप्रकाश शर्मा का दावा है कि यह विश्व का सबसे बड़ा रोट है। विश्व में शांति के उद्देश्य को लेकर बनाए गए इस रोट के लिए 2 महीने से धाम में तैयारियां चल रही थीं।

    सवा 11 क्विंटल आटा, ड्राइ फ्रूट, सूजी और गाय के घी का इस्तेमाल
    हनुमानजी को भोग लगने वाले इस स्पेशल रोट को बनाने में सवा 11 क्विंटल आटा, ड्राइ फ्रूट, सूजी और गाय के देसी घी का इस्तेमाल किया गया है। रोट को बनाने में 12 लाख रुपए खर्च हुए हैं। सूरत और फलोदी के पूरनासर के 20 भक्तों ने इसे बनाया। पूरनासर धाम के संत रामदास महाराज बापजी के सानिध्य में यह रोट बनाया गया है।

    मंदिर में उमड़ी सैंकड़ों भक्तों की भीड़
    देवीपुरा बालाजी धाम में शनिवार सुबह 5 बजे रोट को क्रेन की मदद से भट्ठी से बाहर निकला गया। इसके बाद ट्रॉली से रोट को मंदिर परिसर में ले जाया गया। रोट की साफ-सफाई करने के बाद सवा 8 बजे पूजा-अर्चना कर पूरनासर धाम के संत रामदास महाराज बापजी ने बाल भोग लगाया। मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ और आरती की गई। मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली। देवीपुरा धाम बालाजी के जयकारों से गूंज उठा। रोट देखने के लिए आस-पास के कस्बों से काफी लोग पहुंचे।

    इस रोट की विशेषता
    रोट की गोलाई 11 फीट है और मोटाई 2 फीट है। रोट का कुल वजन 2700 किलोग्राम है। 1125 किलो आटा, सवा सौ किलो सूजी, 400 लीटर दूध, 400 लीटर गाय का देसी घी 1100 किलो ड्राई फ्रूट्स के मिश्रण से यह रोट बनाया गया।