
वन रैंक, वन पेंशन को लेकर दिल्ली के पूर्व सैनिक द्वारा की गई आत्महत्या को कांग्रेस और आपियों नें अपना चुनावी मुद्दा बना लिया है। मृतक राजपुताना राइफ्लस के सूबेदार राम किशन ग्रेवल का परिवार उनकी मौत के बाद खड़ी हुई पारिवारिक चिंताओं में लिप्त है तो दूसरी और कांग्रेस और आपिए अपनी चुनावी रोटियों सेक रहे है।
इस दुखद घटना को कांग्रेस ने भारतीय जनका पार्टी के लिए हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर अपनी ओछी राजनीति का परिचय दे रहे है तो आपिए अपनी राजनिति की पराकाष्ठा का लांघ रहे है । राजस्थान में भी कांग्रेस के आला दर्जे के राजनेता राहुल जी के नक्शे कदम पर चल रहे है औऱ पूर्व सैनिक की मौत का जमकर फायदा लेने की कोशिस कर रहे है।
प्रदेश में कांग्रेसियों ने कलेक्ट्रेट पर पूर्व सैनिक की मौत के विरोध में एक निरर्थक प्रदर्शन किया है जिसमें पूर्वमुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट, अशोक चांदना और प्रताप सिंह खाचरियावास जैसे लोग जनता को बरगलाने की नाकामयाब कोशिसो मे जुटे है।
इस कांग्रेसियों और आपियों ने आत्महत्या करने वालें सैनिक को अपना चुनावी मुद्दा बनाय़ा है। क्या इन्हे सीमा पर शहीद हो रहे सैनिकों के बलिदान दिखाई नही दे रहे । केजरीवाल और राहुल जी अपनी ओछी राजनीति से देश की जनता को क्यों भ्रमित कर रहे है।