राजस्थान को मिलेगा ‘नेशनल एनर्जी कंजरवेशन अवार्ड- 2016’, एनर्जी सेविंग परियोजना में देश में अव्वल

0
934
National Energy Conservation Award 2016

राजस्थान के विकास में ऊर्जा का अहम स्थान हैं। प्रदेश ऊर्जा पैदा करने वाला देश का सबसे बड़ा राज्य हैं तथा मुख्यमंत्री राजे के प्रयासों से बिजली बचाने में भी राजस्थान देश का अग्रणी राज्य बना हैं।  हाल ही में राजस्थान को एनर्जी सेविंद परियोजना के तहत देश भर में प्रथम स्थान आने पर राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल एनर्जी कंजरवेशन अवार्ड-2016 से सम्मानित किया जायेगा।

राजस्थान उत्पादक ही नही बिजली बचाता भी हैं

राजस्थान बिजली का सबसे बड़ा उत्पादक ही नही है बल्कि राजस्थान बिजली बचाने के लिए भी देश में सबसे अग्रणी हैं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रयासों से राजस्थान बिजली बचाने और बिजली की छीजत को रोकने में आगे आया हैं। राजस्थान के कई गांव व कस्बे ऐसे है जो प्रदेश के ही नही बल्कि देश भर के लिए मॉड़ल के रूप में प्रस्तुत किये जाते रहे हैं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे में विद्युत एफिसिएंसी के लिए कई योजनाएं चलाई और उन्हे प्राथमिकता से लागू किया जिससे आज प्रदेश बिजली बचाने के मामले में देश भर में प्रथम स्थान पर काबिज हुआ हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे सम्मानित

एनर्जी सेविंग परियोजना के तहत देश में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 14 दिसम्बर, 2016 को राजस्थान को राष्ट्रीय स्तर के ‘नेशनल एनर्जी कंजरवेशन अवार्ड-2016’ प्रदान करेंगे।

प्रदेश में अब तक 5 लाख 37 हजार से ज्यादा एल.ई.डी. लाईटें लगी

राजस्थान को यह अवार्ड एनर्जी सेविंग परियोजना के तहत देश में 26 नवम्बर, 2016 तक 14 लाख 23 हजार 748 नग एल.ई.डी. लाईटें लगायी गई थी। जिसमें से प्रदेश में सर्वाधिक एल.ई.डी.लाईटें 5 लाख 37 हजार 705 नग लगाई गई है। इसी प्रकार से स्ट्रीट लाईट राष्ट्रीय प्रोग्राम ‘डैशबोर्ड’ के अनुसार राजस्थान प्रदेश में सर्वाधिक एल.ई.डी.लाईटें लगायी गई है। इसी प्रकार दूसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश तथा तृतीय स्थान पर नई दिल्ली है।

प्रदेश की 35 शहरी निकायों में लगी एल.ई.डी. लाईट्स

परम्परागत सोडियम व ट्यूबलाईटों के स्थानों पर एनर्जी सेविंग की एल.ई.डी.लाईट लगाने से लगभग 55 से 60 प्रतिशत ऊर्जा बचत होगी। प्रदेश में अभी तक 35 शहरी निकायों में एल.ई.डी. लाईट लगाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। जिनमें से झालावाड़, माउण्ट आबू, पुष्कर, रतननगर, रतनगढ़, धौलपुर, पाली, उदयपुर, अजमेर, नागौर, आमेट, विद्याविहार, पिलानी, नाथद्वारा, राजसमंद, नवलगढ़, लक्ष्मगढ़, बिसाऊ, डीडवाना, जैसलमेर, सांगोद, कैथून, नीम का थाना, निवाई, जोबनेर, भिवाड़ी, पिड़ावा, निम्बाहेड़ा, किशनगढ़, मकराना, भीलवाड़ा, अकलेरा, चित्तौड़गढ़, रावतभाटा शामिल है। प्रदेश के 48 शहरी निकाय क्षेत्रों में एल.ई.डी. लाईटें लगाने का कार्य तेजी से प्रगति पर है तथा 7 शहरी निकायो में सर्वे का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। तथा 98 शहरी निकाय क्षेत्रों में एल.ई.डी. लाईट लगाने का कार्य प्रक्रियाधीन है।

देश भर में प्रख्यात हैं राजस्थान का बिठुर मॉडल

देशभर में जहां भी बिजली बचत की बात आती है वहां राजस्थान के बिठुर गांव की बात जरुर होती हैं। राजस्थान का बिठुर मॉडल देश भर में प्रख्यात हैं। राज्य सरकार बिजली बचाने के लिए बिठुर मॉडल की तर्ज पर कार्य कर रही हैं। मुख्यमंत्री राजे ने प्रदेश के सभी गांवों को बिठुर गांव जैसे विकसित करने के कयास किये हैं। बिठुर गांव में बिजली बचाने, कम विद्युत उपभोग, विद्युत छीजत जैसे कार्य महिलाओं द्वारा सरहानिय तरिकों से किये जा रहे हैं। गांव की महिलाओं ने मुख्यमंत्री राजे के आह्वान पर बिजली बचाने की जिम्मेदारी ली और उसे सफलता पूर्वक व्यवहार में लेकर आई हैं जिससे गांव में कभी बिजली की किल्लत नही आई ।

RESPONSES

Please enter your comment!
Please enter your name here