कृषि सुधारों में भी राजस्थान ने बनाई अपनी पहचान, टॉप-3 पर कायम हुआ प्रदेश

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राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे द्वारा प्रदेश हित में शुरु की गई विभिन्न योजनाओं के सुखद परिणाम आने से प्रदेश की जनता में खुशी की लहर है। हाल ही में प्रदेश में कृषि क्षेत्र में हुए सुधारों से राजस्थान देशभर के अग्रणी राज्यों की सूची में शुमार हो गया है। नीति आयोग द्वारा जारी कृषि सुधार सूचकांक में राजस्थान टॉप तीन राज्यों में तीसरें नंबर पर काबिज है। इस लिस्ट में राजस्थान केवल महाराष्ट्र और गुजरात से पीछे है।

राजस्थान में कृषि क्षेत्र में हुए सुधारों के परिणाम स्वरूप बीते 3 वर्षों में किसानों की आमदनी बढ़ने के साथ-साथ व्यवसायिक दृष्टि से भी खेती फायदे का सौदा बनती जा रही है। इन महत्वपूर्ण उपलब्धियों के कारण निवेशक गैर-कृषि क्षेत्रों के साथ-साथ प्रदेश के कृषि क्षेत्र में भी निवेश करना चाह रहे हैं। इसी के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने ‘ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट-2016’ (ग्राम-2016) का आयोजन करने की पहल की है।

नीती आयोग द्वारा जारी किया गया यह सूचकांक  खेती के कार्यों में नवाचार , कृषि उत्पादों की मार्केटिंग, कृषि तकनीको में सूधारों और कृषि व्यवसाय में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’  पर आधारित था। इस रैंकिंग में राजस्थान 70 अंक हासिल कर तीसरे स्थान पर है, जबकि गुजरात को 71.5 और महाराष्ट्र 81.7 अंक मिले है।

कृषि सुधार सूचकांक का उद्देश्य कृषि क्षेत्र की समस्याओं का निराकरण और कमियों को दूर करने में राज्यों का सहयोग करना है ताकि यह क्षेत्र स्थानीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर विकास को गति दे सके। साथ ही ग्लोबल मीट (ग्राम-2016) के माध्यम से प्रदेश के किसानों को आर्थिक रुप से सशक्त होने में सहायता मिलेगा। इस मीट में कृषि उत्पादों की बाजार तक पहुंच करने की दिशा में कारगर कदम बढ़ाए जाएंगे।  राजस्थान में कृषि निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि राज्य के पास भरपूर मात्रा में कृषि योग्य भूमि, सिंचाई की सुविधाएं, भरपूर विद्युत आपूर्ति के साथ-साथ सोलर तकनीकी पर आधारित औद्योगिक विकास की असीम संभावनाएं मौजूद है।

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