वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे पर दिल्ली में एक पूर्व सैनिक द्वारा खुदकुशी कर लेने के बाद सत्ता के गलियारों में उबाल आ गया । कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोल रहे हैं।
राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल जिस प्रकार की राजनीति कर रहे हैं उसको देखते हुए लगता है कि ये लोग ‘देश में मुद्दों की नहीं बल्कि मुर्दो की राजनीति ‘ करने लगे है।
अरविंद केजरीवाल हो या राहुल गांधी सभी मृतक पूर्व सैनिक के परिवार से मिलने पर जिस प्रकार आमादा नजर आ रहे है उसको देखते लगता है कि देश में अब लाशों पर राजनीति का चलन बढ़ रहा है।
इन्ही कांग्रेसियों और आपियों ने आज से करीब एक साल पहले उत्तरप्रदेश में ऐसा ही माहौल बनाया था जब अखलाख की मौत हुई। बात केवल अखलाख की नही रोहित वैमुला की मौत पर भी इन्ही लोगों ने हंगामा कर साबित किया है कि इन्हे मुद्दों की नही मुर्दों की राजनीति में दिलचस्पी है। ये नेता बिना देर किए मृतकों पर राजनीति करने वहां पहुंच जाते हैं।
यदि राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल को पूर्व सैनिकों की इतनी ही चिंता थी कांग्रेस अपने कार्यकाल में इस मुद्दे को क्यों दबाए रही। तब उन्हे एक बार भी सैनिकों की याद नहीं आई। वहीं दूसरी और अरविंद केजरीवाल पूर्व सैनिक के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने उसके हरियाणा स्थित घर जाने की बात कह रहे हैं क्या वे यह बताने का कष्ट करेगे कि ये सैनिक कई महीनों से जंतर मंतर पर धरने पर बैठे हैं केजरीवाल उनसे मिलने कितनी बार गए।