मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में राजस्थान सरकार ने कई किसान हितेषी फैसले किए है जिनसे प्रदेश के किसानों को आर्थिक और सामाजिक लाभ मिला है। मुख्यमंत्री राजे आगामी 2020 तक प्रदेश के किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रयासरत है। राजे का कहना है कि उन्नत खेती अपनाने से किसान आर्थिक दृष्टि से स्वावलम्बी तथा सम्पन्न बनेंगे। वर्तमान केन्द्र एवं राज्य सरकार किसानों की विशेष रूप से चिंता कर रही है। खेत में फसल का खराबा होने पर मिलने वाली अनुदान राशि में वृद्धि की गई है तथा खराबे की सीमा को भी घटाया गया। इससे किसानों को लाभ मिला है। किसान देश के अन्नदाता है। अन्नदाता के समृद्ध होने से देश में समृद्धि आएगी। किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने में नवीन तकनीक का बहुत बड़ा हाथ है। किसानों को समय की मांग के अनुसार आधुनिक कृषि विधियों को अपनाना चाहिए।
38 लाख की आर्थिक सहायता का वितरण
सहकारी समिति के माध्यम से खानपुरा, माखूपुरा, परबतपुरा, सेंदरिया एवं पालरा गांवों के लगभग 2500 किसानों को सहायता मिलेगी। इन गांवों में फसल खराबे के पेठे लगभग 38 लाख की राशि वितरित की जाएगी। यह मुआवजा सीधे किसानों के खाते में जाएगा। इससे वितरण तंत्र में पारदर्शिता रहेगी।
ग्राम से किसान सीखे खेती की नई तकनीके
राज्य सरकार द्वारा आयोजित ग्लोबल एग्रीटेक समिट (ग्राम) के द्वारा किसानों को बागवानी एवं उद्यानि की नवीन तकनीकों से रूबरू करवाया गया। परम्परागत खेती में तकनीक अपनाकर किसान कम पानी एवं सिमित संसाधनों में अधिक पैदावर ले सकते है। ग्रीन हाउस, पोली हाउस एवं टर्नल का लाभ लेने के लिए किसानों को आगे आना चाहिए। विभिन्न प्रकार की सरकारी योजनाओं के लिए ऑनलाइन ई-मित्र के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है। इनका लाभ लेने से किसान सम्पन्न एवं सक्षम बनेंगे और इनकी पैदावार की अच्छी कीमत मिलेगी। इस बार 24 से 26 मई को कोटा में ग्राम का आयोजन किया जा रहा है।