राजस्थान सरकार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में प्रदेश के किसान वर्ग के उत्थान हेतू कई योजनाओं का संचालन कर रही है। मुख्यमंत्री राजे ने 2020 तक प्रदेश के किसानों की आय को दोगूना करने का लक्ष्य रखा हैं। राजे का मानना हैं कि प्रदेश के किसानों का विकास होगा तभी प्रदेश विकास की ओर अग्रसर होगा। राजस्थान सरकार ने किसानों को आत्मनिर्भर और सम्मानित जीवन देने के लिए ग्राम जैसे आयोजन भी कर रही है। मुख्यमंत्री राजे ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कई नए विकल्प भी तलाशें हैं। आज प्रदेश के किसान देश भर में अपनी पहचान बना रहे है।
किसानों की आमदनी बढ़ाने के तलाशे विकल्प
शुक्रवार को कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कृषि, उद्यान व बीज निगम के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा की किसानों की आमदनी को किसा प्रकार बढ़ाया जा सकता हैं इस विषय पर सभी को आवश्यकतानुसार कार्य करना चाहिए। उन्होने कहा कि प्रदेश के किसानों की आमदनी बढ़ाने के विकल्प तलाश करने चाहिए जिससे हमारा किसान खुशहाल जिंदगी जी सकें।
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उच्च गुणवत्ता के बीज, मिनीकिट से किसान भाईयों को करें लाभांवित
उन्होंने कहा कि खरीफ में किसानों को उन्नत बीज समय पर उपलब्ध करवाने के प्रयासों में और तेजी लाएं। लघु सीमांत किसानों को उपलब्ध कराए जाने वाले बीज, मिनीकिट की संख्या में वृद्धि करें, ताकि ज्यादा किसान लाभान्वित हो सकें। उन्होने कहा कि अच्छी गुणवत्ता के ऐसे संकर बीज जो कम पानी व कम समय में पकने वाले हों तथा अधिक उत्पादन दे सकें। उनकी व्यवस्था के लिए पुरजोर के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि बाजरा, सोयाबीन, मूंग, तिल, ग्वार सहित इस वर्ष कुल आठ लाख क्विंटल बीज की आवश्यकता होगी। इसकी व्यवस्था कृषि विभाग द्वारा कर ली गई है। खरीफ मौसम के लिए यूरिया व डीएपी की भी पर्याप्त व्यवस्था है।
किसानों को लाभ पहुंचाने के करें प्रयास
कृषि मंत्री ने निर्देश दिए कि इस वर्ष फार्म पौण्ड, डिग्गी, जलहौज किसानों के यहां ज्यादा संख्या में बनवाए जाएं, इसके लिए अभी से विशेष योजना बनाकर काम करें। बैठक में सरकार की मंशा के अनुरूप किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाने के पुरजोर प्रयास किए जाने पर भी चर्चा की गई।