राजस्थान के विकास की सीढ़ी गांवों से होकर ही गुजरती है। इसलिए जब तक गांवों का विकास नही होगा तब तक पूरे प्रदेश के विकास की बात कहना नागवार सिद्ध होती है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजस्थान में विकास की लहर गांवों और किसानों के साथ बहाने का प्रयास करती है और इसमें सफलता भी मिली है। अब विकास को और गति देने के लिए, हर ग्रामीण को सम्मान का हक देने के लिए और गांवों को फिर से जिंदा करने के लिए एक कदम और बढ़ा रही है।
स्मार्ट विलेज के तौर पर होगा 3171 गांवों का विकास
राजस्थान में इस वित्तिय वर्ष में 3171 गांवों को स्मार्ट विलेज के तौर पर विकसित किया जाना प्रस्तावित है। स्मार्ट विलेज के दायरे में आने वाले इन गांवों के लिए राज्य सरकार ने कार्ययोजना तय कर ली है आगामी दिनों में निर्धारित रूपरेखा के तर्ज पर कार्य शुरु हो जाएगा। ग्रामीण एवं पंचायती राज मंत्री राजेंद्र राठौड का कहना है कि 3171 गांवों के लिए प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर और अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गये है और निर्धारित कार्ययोजना के अनुरूप जल्द ही सर्वे कर काम शुर किया जाए। अब स्मार्ट विलेज बनते ही गांव के लोगों को रोजगार, शिक्षा, चिकित्सा जैसी सुविधाओं से महरूम नही रहना पड़ेगा।
20 लाख से ज्यादा पट्टों का होगा वितरण
ग्रामीण विकास मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने सभी जिला कलक्टरों, सीईओ और पंचायत प्रतिनिधियों निर्देश दिये है कि ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू हुए पट्टा वितरण अभियान को सफलता पूर्वक नियोजित किया जाए। राजस्थान सरकार ने इस साल ग्रामीण क्षेत्रों में पट्टा वितरण अभियान के द्वारा करीब 20 लाख से ज्यादा आबादी को पट्टा वितरण करने का लक्ष्य रखा है।
पीएमएवाई के तहत 38 हजार लाभार्थियों को मिलेगा घर
इसी कड़ी में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रदेश में करीब 38 हजार भूमिहीन लाभार्थियों को भी पट्टे जारी करने का राज्य सरकार का लक्ष्य है। इसके अलावा प्रदेश की सभी स्कूलों को चारदिवारी युक्त बनाने के लिए राज्य सरकार ने अधिकारियों को आदेश दिए है।