राजस्थान शिक्षा विभाग में भर्ती की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए स्वर्णिम सौगात देते हुए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार ने माध्यमिक शिक्षा में प्रधानाध्यापक, व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक, प्रयोगशाला सहायक आदि के 2 हजार 452 नवीन पदों का सृजन किया है। सरकार के इस बहुपयोगी प्रयास से प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिलने के साथ ही शिक्षा विभाग में सुधार के साथ तरक्की होगी।
नवीन बजट घोषणा के अंतर्गत सृजित हुए विभिन्न पद:
राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने सरकार के इस शिक्षाहित और युवाहित में उठाये गए कदम के बारे में बताते हुए कहा कि 2017-2018 सत्र के विद्यालय क्रमोन्नयन की बजट घोषणा के अंतर्गत यह नवीन पद सृजित किए गए हैं। शिक्षा विभाग में निकले इन विभिन्न पदों पर योग्यतानुसार कोई भी प्रदेशवासी आवेदन कर सकता है। इन नवीन सृजित पदों के अंतर्गत सर्वाधिक स्कूल शिक्षा व्याख्याता के 1695 पद, वरिष्ठ अध्यापक के 165 पद तथा प्रधानाध्यापक के 33 व शारीरिक शिक्षकों के 33 पद सृजित किए गए हैं।
नए सत्र में किये बेहतरीन काम:
राजस्थान सरकार ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देने के उद्देश्य से कई कदम उठाए है। शिक्षा राज्य मंत्री देवनानी ने बताया कि राज्य सरकार ने नए सत्र, वर्ष 2017-18 में 286 माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत किया हैं। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई में निरंतरता आएगी। विद्यार्थियों को बड़ी कक्षाओं में अध्ययन के लिए विद्यालय नहीं बदलने पड़ेंगे। इसी प्रकार 33 राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों का स्तर बढ़ाकर उन्हें माध्यमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत किया हैं। इनके साथ ही राज्य के छात्रों में विज्ञान, अनुसंधान के लिए रूचि जगाने के लिए प्रदेश के 138 कला संकाय वाले विद्यालयों में विज्ञान संकाय भी आरम्भ किया गया हैं। इसी के साथ इन सभी नवीन क्रमोन्नत विद्यालयों में प्रयोगशाला सहायक के 448 तथा प्रयोगशाला सेवक के 78 पद पृथक रूप से नवसृजित किए गए हैं।
परीक्षा परिणामों से झलकी राजस्थान की मजबूत शिक्षा व्यवस्था:
निरंतर अच्छा प्रदर्शन करता हुए राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग ने इस वर्ष अनेकों उपलब्धियां हासिल की है। राज्य के सरकारी विद्यालयों ने निजी विद्यालयों की तुलना में शानदार परिणाम दिए है। सरकारी विद्यालयों ने इस वर्ष निजी विद्यालयों से 9% ज़्यादा बेहतर परिणाम दिया है। प्रदेश के इन राजकीय विद्यालयों से अनेकों होनहारों ने बोर्ड परिणाम की मेरिट में जगह बनाई है। विज्ञान, कला, वाणिज्य तीनों संकायों में विद्यार्थियों का प्रदर्शन श्रेष्ठ रहा है। प्रदेश के राजकीय विद्यालयों के इन विद्यार्थियों के लाजवाब प्रदर्शन ने राजस्थान सरकार की शिक्षा क्षेत्र में अविरल प्रगति की गवाही दी है।