
राज्य सरकार विशेष पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। इस वर्ग से जुड़े लोगों के हितों पर कोई आंच नहीं आने के लिए मुख्यमंत्री राजे हमेशा तत्पर रहती हैं। उन्होंने कहा हैं कि एसबीसी की मुसीबत हमारी मुसीबत है। इन सबका दुख हमारा दुख है। 36 की 36 कौमों को राहत देना हमारा धर्म है। मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि विशेष पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है और इस दिशा में हरसंभव सकारात्मक कदम उठाया जाएगा।
एसबीसी आरक्षण के मामले में बुलाया था विधासभा का विशेष सत्र
मुख्यमंत्री राजे के नेतृत्व में राज्य सरकार ने एक बार फिर विशेष पिछड़ा वर्ग की जातियों के कल्याण व उत्थान के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की हैं। इससे पहले भी राज्य सरकार ने एसबीसी आरक्षण के मामले में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाएं हैं। सरकार राजस्थान विशेष पिछड़ा वर्ग आरक्षण अधिनियम-2015 के विषय में कानून के दायरे से समुचित हल निकालने के लिए कटिबद्ध है। इसके लिए गुरुवार को राजस्थान के उच्च न्यायालय की ओर से दिए गये आदेश की प्रमाणित प्रति का इंतजार कर रही है ताकि कानून सम्मत इस मामले में कार्रवाई कर सके।
6 माह पहले राज्य सरकार ने लिया था स्थगन आदेश
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पहले भी 9 दिंसबर को विशेष पिछड़ा वर्ग आरक्षण अधिनियम-2015 को लागू करने पर स्थगन आदेश सहित इस अधिनियम के बचाव में सभी प्रयास करने के निर्देश दिए थे। दिल्ली से वरिष्ठ कानूनी विशेषज्ञों को राजस्थान उच्च न्यायालय में राज्य सरकार का पक्ष रखने के लिए विशेष रुप से बुलाया गया था। इन्ही प्रयासों से 6 सप्ताह का स्थगन आदेश लेने में सफलता भी राज्य सरकार का प्राप्त हुई थी।
राज्य सरकार विशेष पिछड़ा वर्ग के कल्याण एवं उत्थान के लिए हमेशा प्रतिबद्ध
राज्य सरकार की ओर से गुरुवार को उच्च न्यायालय में पैरवी की गई थी। इस पैरवी के फलस्वरूप उच्च न्यायालय ने अपने आदेश 9 दिसंबर 2016 की क्रियान्विति को 6 सप्ताह के लिए स्थगित किया । इसके परिणामस्वरुप विशेष पिछड़ा वर्ग को दी गई नियुक्तियां और शिक्षण संस्थाओं में किए गए दाखिले यथावत रहेंगे। गौरतलब हैं कि मंत्रीमंडलीय उप समिति ने विशेष पिछड़ा वर्ग के कल्याण से संबंधित विभिन्न मुद्दों को हल करने के लिए लगातार बैठकें की हैं। राज्य सरकार विशेष पिछड़ा वर्ग के कल्याण एवं उत्थान के लिए हमेशा प्रतिबद्ध हैं।