पिछले चार दिनों से आंदोलन कर रहे सरकारी चिकित्सकों का प्रदेश में इस तरह की स्थिति पैदा कर और सरकार पर नाजायज दबाव डालकर अपनी मांगों की मनवाने का यह प्रयास किसी भी तरह से उचित नहीं है। सरकारी चिकित्सकों की इस हरकत का विरोध करने हुए कोटा में निजी डेयरी एसोसिएशन ने भी अपना मोर्चा खोल दिया है।’जब इलाज तब दूध’ की टैग लाइन पर चलते हुए निजी डेयरी एसोसिएशन ने सभी सरकारी चिकित्सकों के घर दूध सप्लाई बंद कर दी है। Rajasthan Doctors Strike
प्रदेशभर में सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल आज चौथे दिन भी जारी है। सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा-स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई हैं और मरीज बेहाल हैं। सरकार के साथ डॉक्टरों की वार्ता विफल हो चुकी है और डॉक्टर्स एक पारी में काम करने और अफसरों की तरह पद दिए जाने सहित 32 सूत्रों मांगों को लेकर अब भी अपनी मांगों पर अड़े हैं। गुरुवार दोपहर बाद रेजीडेंट भी डॉक्टरों के समर्थन में कार्य बहिष्कार कर दिया है और प्रदेश में चिकित्सा सेवाऐं भगवान भरोस हैं।
अब वसुंधरा सरकार हड़ताल कर रहे सरकारी चिकित्सकों पर पलटवार करने के मूड़ में दिख रही है। सूत्रों के मुताबिक अब सरकारी चिकित्सकों के सामूहिक इस्तीफों पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। आपको बता दें कि प्रदेश में इस हड़ताल से अब तक 10 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। कोटा जिले में आज ही 5 बच्चों की मौत हुई है लेकिन इतने पर भी सरकारी चिकित्सक नहीं चेत रहे हैं। Rajasthan Doctors Strike
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सरकारी चिकित्सकों के इस तरह बिना सिरपैर के आंदोलन पर राजस्थान सरकार अब गंभीर होती नजर आ रही है। इसी संदर्भ में गुरूवार को स्वास्थ्य भवन में अहम बैठक हुई है जिसमें विभाग ने वसुंधरा सरकार को चिकित्सक हड़ताल पर एक रिपोर्ट पेश की है। आईबी की इस रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ है कि सेवारत चिकित्सक संघ अध्यक्ष की महत्वाकांक्षा के चलते यह हंगामा किया जा रहा है। अभी तक किसी भी डॉक्टर ने अपना इस्तीफा नहीं दिया है लेकिन अकेले विभाग अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी इस बात को बिगाड़ रहे हैं। माना जा रहा है कि डॉ. अजय चौधरी की किसी राजनीतिक दल विशेष से बात चल रही है और डॉ. चौधरी टिकट की दावेदारी जताने के लिए ऐसा कर रहे हैं। Rajasthan Doctors Strike
हालांकि अब साफ हो गया है कि केवल डॉ. चौधरी के इशारे पर यह सब हो रहा है, इसके बाद भी चिकित्सकों से एक बार फिर आज शाम सचिवालय में वार्ता होगी। वार्ता में क्या होगा, यह तो अभी बताया नहीं जा सकता लेकिन इस वार्ता के 2 परिणाम सामने निकल कर आ सकते हैं।पहला तो यह कि सभी सरकार चिकित्सक अपनी अनुचित मांगों को छोड़ वापिस अस्पतालों में आ सकते हैं। या फिर सरकार सभी चिकित्सकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है। आपको यह भी बता दें कि रेजिडेंट डॉक्टर्स ने भी इस हड़ताल का पूरा समर्थन किया है। दूसरी ओर, इस स्थिति से निपटने के लिए आर्मी डॉक्टर्स की सहायता ली जा रही है, ताकि स्थिति और न बिगड़े। Rajasthan Doctors Strike