जयपुर। राजस्थान में 20 जिलों में होने जा रहे 90 निकायों की चुनावों की तैयारियां जोरों पर चल रही है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। बीते साल दिसंबर माह में हुए 50 निकायों में 36 निकायों में जीत दर्ज कर चुकी कांग्रेस 90 निकायों में भी जीत की उम्मीद है। हालांकि बड़ी बात ये भी है कि 90 निकायों में होने जा रहे चुनाव सत्ता और संगठन के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है चूंकि इन चुनावों में गहलोत सरकार के 7 मंत्रियों और 23 कांग्रेस विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर हैं। उनमें गोविंद सिंह डोटासरा, सालेह मोहम्मद, रघु शर्मा, अशोक चांदना, सुखराम विश्नोई, भंवर सिंह भाटी और महेंद्र चौधरी हैं। 50 निकायों में से 36 में कांग्रेस का बोर्ड बनाकर 4 मंत्रियों और 16 विधायकों ने सत्ता और संगठन की लाज बचाई थी।
20 जिलो में 90 निकायों में होंगे चुनाव
विधायकों और मंत्रियों के लिए राहत की बात ये है कि इस बार चुनाव में प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी के नेताओं का भी साथ मिलेगा जो विधायकों और मंत्रियों के साथ साथ पर्यवेक्षकों और चुनाव प्रबंधन की भूमिका में नजर आएंगे। प्रदेश के जिन 20 जिलों में 90 निकायों के चुनाव होने हैं। उनमें अजमेर, बांसवाड़ा, बीकानेर, भीलवाड़ा, बूंदी, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, चूरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, नागौर, पाली, राजसमंद, सीकर, टोंक और उदयपुर हैं। यहां 1 नगर निगमए 9 नगर परिषद और 80 नगर पालिकाओं में चुनाव कार्यक्रम घोषित किए गए हैं।