Rajasthan Budget 2017-2018 Live Updates & Highlights: Here is What Happened Today

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CM Vasundhara Raje Budget 2017
CM Vasundhara Raje Budget 2017

Rajasthan Budget 2017-18 Live: Countless citizens affected by the note ban, especially farmers and housewives have high hopes from Rajasthan budget 2017. ‘Suraaj, Swabhimaan, Sampoorna Vikas ka Budget’, (A budget that reflects good governance, all-round development and self-respect of the state) as the leaders call it, promises an impetus to the economy, while remaining cognizant of the requirements of the common men.

While presenting the union budget for this year, finance minister Arun Jaitley promised to double farmers’ income before 2020. Rajasthan’s state budget is expected to shed more light on the goals set by the government.

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Rajasthan Budget 2017-18 Live Updates: Straight from the Parliament

10:00 am: Live bands & Raje followers visit CMR (CM Residence) at 13, Civil Lines Jaipur to Wish CM Vasundhara Raje Happy Birthday,

10:15 am: The printed copy of budget reaches inside Rajasthan State Assembly today.
10:25 am: Leaders start arriving at the Assembly.
10:42 am: The CM sets out for State Assembly along with her cabinet.
10:45 am: Minister Kiran Maheshwari and Digambar Singh arrive at Rajasthan State Assembly
10:50 am: The CM arrives at Rajasthan Vidhan Sabha.
10:55 am: The Cabinet greet the CM, present her bouquet and wish her well.

2 Minutes to Go for the Budget…

11:00 am: Honorable Speaker greet the CM and the ministers inside the house.
11:02 am: Honorable CM begins her speech.
11:09 am: Highlights from CM Vasundhara Raje’s Speech. This year, the government will take a decisive step towards paper less budget.

“राज्य मिशन 20-20 के पथ पर अग्रसर, सरकार हर चुनौती के लिए तैयार।
सतत विकास की नीतियों से हो रहा हैं राजस्थान का विकास।
शिक्षा, कौशल विकास, कृषि एवं पशुपालन में मिले नए अवसर।
राज्य सामाजिक न्याय, रोजगार के अवसरों तथा कुशल शासन में अव्वल।
पिछले तीन वर्षों में कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण, इ-गवर्नेंस, भामाशाह योजना, एलईडी लाईट, दिव्यांग हितों, बेटी बचाओ के लिए मिले कई पुरस्कार।
महिला सशक्तिकरण, सामाजिक सुधार, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में प्राथमिकता से कार्य कर विकास को देंगे नई गति।
बजट में प्लान व्यय और नॉन प्लान व्यय को खत्म किया गया।
प्रदेश को ऊंचाईयों पर ले जाना हैं, समाज का प्रत्येक वर्ग ले सके राजस्थान सरकार की योजनाओं का लाभ।

सड़क/परिवहन
पिछले तीन वर्षों में 15278 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण हुआ। इस वर्ष, दूसरे चरण में 8000 करोड़ की लागत से बनाये जाएंगी 5000 रोड।
अलवर जिले में 968 करोड़ की लागत से बनेंगी 600 किलोमीटर लंबी रोड।
राज्य के 13 खनन क्षेत्रों में 242 करोड़ की लागत से बनाई जाएंगी 26 रोड।
राज्य हाईवे प्रोजेक्ट् के तहत 586 करोड़ की लागत से बनाये जाएंगे 796 हाईवे।
राज्य की 3465 किलोमीटर लंबी सड़कों का होगा रखरखाव।राजस्थान में ग्रामीण गौरव पथ के पहले चरण में 1972 पंचायतों में 791 करोड़ की लागत से 1720 किमी सड़कों का निर्माण हुआ।
ग्रामीण गौरव पथ के दूसरे चरण में 2086 पंचायतों में 1253 करोड़ की लागत से 2098 किमी सड़कों का हुआ निर्माण।
6 करोड़ 50 लाख की लागत से सिंधी कैंप बस अड्डे का विकास, सिंधी कैंप बस अड्डा बनेगा मॉडल ।

पेयजल
पेयजल के क्षेत्र में भाजपा सरकार ने 3 साल में 13 हज़ार 745 करोड़ खर्च किए जबकि कांग्रेस 12 हज़ार 225 करोड़ ही खर्च किया।
2039 गांवों में शुद्ध प्यजल पहुंचाने का लक्ष्य, जाखम बांध परियोजना से खत्म होंगी पेयजल समस्याएं।
आधारभूत ढांचे कोे किया गया मजबूत, लंबित पेयजल योजनाओं को जल्द किया जाएगा लागू।
बीकानेर, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में स्वच्छ पानी पहुँचाने हेतु लगाया जाएगा RO प्लांट।
2500 गांवों और बस्तियों को पीने योग्य स्वच्छ पानी दिया जाएगा।
रु 5292 करोड़ की 9 प्रमुख योजनाएं पूरी की जाएगी।
जाखम बाँध परियोजना पर सरकार लगाएगी 912.55 करोड़। इस परियोजना से प्रतापगढ़, पीपलखूंट तथा अरनोद जिले के 554 गाँव होंगे लाभवंतित।
बूंदी क्लस्टर योजना पर सरकार खर्च करेगी 80.80 करोड़ जिनसे 97000 लोगों को लाभ प्राप्त होगा।
चाखन बाँध पर 73.93 करोड़ की लागत से इंद्रगढ़, सुमेरगढ़ संग 45 गाँव, 6 ढाणियों तथा मंडी इलाकों में पानी पहुँचाया जाएगा।
डीडवाना शहर के पुनर्गठन पर खर्च होंगे 32 करोड़।
भरतपुर जिले के डीग, कुम्हर, नगर, कमन और नदबाई, धौलपुर की बारी, सवाईमाधोपूर जिले के गंगापुरसिटी और चुरु जिले के रतनगढ़ और राजलदेसर के शहरों में पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर पहले चरण में 30 आरओ प्लांट लगाए जाएंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में 1483 आरओ प्लांट लगाए जाएंगे।
कोटा सिटी में 24×7 पानी की आपूर्ति- एनसीआरपीबी के माध्यम से 850 करोड़ रुपये की परियोजना पर होगा काम।

कुशल राजस्थान, खुशहाल राजस्थान की तरफ हमने बढ़ाये कदम।

नवीकरण परियोजना
बारान में, अन्ता तहसील के 17 गांव और मंगोल तहसील के 30 गांवों को लाभ होगा। 105 करोड़ की योजना होगी लागू।
जेजीवाई योजनाओं के तहत 500 अतिरिक्त संवर्धन कार्य किये जायेंगे।
1175 सौर्य तथा डिफ्लोरिडीकरण इकाइयों के लिए रु 137 करोड़ की परियोजनाएं लागू होंगी।
जयपुर, अजमेर, उदयपुर, बीकानेर और भरतपुर शहरों में गैर-राजस्व जल मात्रा को कम करने के लिए अगले दो वर्षों में काम करना है।
बिजली व्यय को बचाने के लिए ‘ऊर्जा संरक्षण मोड’ पर चरणबद्ध तरीके से शहरी जल आपूर्ति योजना का संचालन और रखरखाव होगा।
अगले दो वर्षों में बेहतर ऑनलाइन पर्यवेक्षण के लिए जयपुर, अजमेर, उदयपुर, बीकानेर और भरतपुर शहर में एससीएडीए प्रणाली लागू की जाएगी।
पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष पीएचईडी (PHED) पर 15.68% ज़्यादा यानि कि 8647.21 करोड़ रूपए ख़र्च होंगे।”

हौंसले हों अगर बुलंद
तो मुट्ठी में हर मुकाम है
मुश्किलें और मुसीबतें
तो ज़िन्दगी में आम हैं !

ऊर्जा
आगामी २ वर्ष में 1 लाख नए कृषि कनेक्शन दिए जायेंगे।
पिछले तीन वर्षों में राज्य की ऊर्जा क्षमता में 5086 मेगावाट की वृद्धि दर्ज की गयी।
2017-18 में निम्नलिखित ऊर्जा परियोजनाओं पर कार्य किया जाएगा–
– 2 GSS of 400 KV
– 6 GSS of 220 KV
– 15 GSS of 132 KV
– 200 GSS of 33 KV
डिस्काओम्स संगठन के पुनर्गठन तथा सुचारू प्रबंधन के लिए नए उप-विभाजन और सर्कल ऑफिस खोले जाएंगे।
कनेक्शन मिलने की तारीख से तीन साल के अंदर ड्रिप, स्प्रिंकलर और डिगगी आधारित कृषि कनेक्शन का रूपांतरण सामान्य श्रेणी में होगा।

ई-नीलामी के माध्यम से खानों, आरसीसी और ईआरसीसी अनुबंध का आवंटन।
खनन प्रभावित क्षेत्रों के में नागरिकों के लाभ हेतु सार्वजनिक उपयोगिता कार्य के लिए 500 करोड़ रुपये।

पर्यटन एवं सौंदर्यकरण:
पिछले साल राजस्थान पर्यटन के लिए ‘अग्रेसिव मार्केटिंग’ अभियान शुरू किया गया था जिसपे सरकार ने 88 करोड़ रूपए लगाए थे।
इस वर्ष निम्नलिखित परियोजनाओं पर सरकार करेगी काम—
विभिन्न पर्यटन स्थलों पर बेसिक आधारभूत संरचना, संरक्षण, सौंदर्यीकरण और नवीकरण का काम 36 करोड़ लागत से होगा पूरा।
8 संग्रहालयों के संरक्षण और विकास कार्य पर 13 करोड़ रुपये लगाए जाएंगे।
अजमेर में 2, भरतपुर में 2, कोटा में 1 और नागौर में 1 पुरातात्विक स्थलों पर 6.46 करोड़ रुपये की लागत से संरक्षण कार्य होगा।
फतेह विलास महल खेतेरी के संरक्षण कार्यों का समापन और बुनियादी ढांचों एवं सुविधाओं का विकास कार्य होगा।
मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी फारसी अनुसंधान संस्थान, टोंक के प्राचीन रेकॉर्डों एवं दुर्लभ पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण होगा।
एएसआई की साझेदारी से चित्तौड़गढ़ फोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी का संगठन, चित्तौड़गढ़ किले के संरक्षण और व्यवस्थित विकास के लिए किया जाएगा।
सांस्कृतिक महत्त्व रखने वाले विभिन्न पैनोरामा कार्यों पर 11 करोड़ रूपए लगाए जाएंगे।
पर्यटन स्थल के रूप में 4 वक्फ दरगाह का विकासकार्य होगा।
कला, संस्कृति और पुरातत्व विभाग के विकास हेतु 158.63 करोड़ रूपए लगाए जाएंगे, जोकि 2016-17 की अपेक्षा 49.42% अधिक है।

देवस्थान
बिहारी जी का मंदिर, गंगा मंदिर, भरतपुर में लक्ष्मण मंदिर, केशोरई मंदिर, केशोरायपाटन मंदिर (बूंदी) और सूर्य मंदिर, झालापाटन में 20 करोड़ रूपए की लागत से विकास कार्य होगा।
अगले साल, 20000 वरिष्ठ नागरिकों के लिए दीन दयाल उपाध्याय वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्री योजना के तहत 5000 हवाई यात्राएं का प्रबन्ध किया जाएगा।
मंदिरों की भोगराशी में सौ प्रतिशत की वृद्धि होगी।
बंसुर-यूपी में स्थित महादेव मंदिर के नवीनीकरण और रखरखाव के लिए 1 करोड़ रूपए लगाए जाएंगे।
वृंदावन में श्री राधा माधव जी मंदिर के शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में मंदिर के सौंदर्यीकरण और प्रकाश व्यवस्था के लिए सरकार देगी 50 लाख।
तिरुपति बालाजी तथा बद्रीनाथ मंदिरों में पर्यटकों के लिए धर्मशालाओं का होगा निर्माण।
10.90 करोड़ की लागत से लकड़ी के जीवाश्मों के संरक्षण एवं प्रदर्शन और अकाल लकड़ी फॉसिल पार्क में पर्यटन के लिए बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा।

पार्क एवं क्रीड़ावन
रेगिस्तान राष्ट्रीय उद्यान और आसपास के क्षेत्रों के विकास के लिए 10 करोड़ रूपए का प्रावधान।
तेंदुए के सरंक्षण एवं नागरिकों की सुरक्षा पर 7 करोड़ रु का प्रावधान।
रणथंभौर, सरिसका, जावेद, मुकुंद्रा अभयारण्य और झलाना रिजर्व वन क्षेत्र के लिए आईटी सुरक्षा व्यवस्था।
25 लाख बड़े पौधे लगाने के लिए 2 करोड़ रु का प्रावधान।
5 स्मृति वनों के विकास के लिए 3 करोड़ रु का प्रावधान।
मॉउंट आबू के ट्रेवर टैंक में पर्यावरण पर्यटन का प्रावधान।

पर्यावरण
बिट्टाजा औद्योगिक क्षेत्र, बाड़मेर में जल से कास्टिक सोडा हटाने हेतु प्लांट की स्थापना के लिए 6 करोड़ रु का प्रावधान
सीईटीपी भिवडी में 6 एमएलडी आरओ प्लांट की स्थापना।

निवेश और आर्थिक विकास नीति:
सभी विभागों के प्रतिबंधों और अनुपालन रिपोर्ट की सुविधा एक ही ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाए।
सीआईपीईटी जयपुर में उच्च शिक्षा केंद्र की स्थापना हेतु 51.32 करोड़ रु लगाए जाएंगे।
कपड़ा और कृषि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में भारत सरकार की सहायता से 2 नए केंद्र।
आरएफसी द्वारा युवा उद्यमी प्रोत्साहन की योजना के तहत 90 लाख के ऋण पर 6 प्रतिशत ब्याज लिया जाएगा। इस ब्याज को बढ़ाकर डेढ़ करोड़ किया जाएगा।
रीको द्वारा प्रदत्त सेवाओं का प्रबंधन ऑनलाइन किया जाएगा।
पांच औद्योगिक क्षेत्रों में दमकल विभाग बनाए जाएंगे।
जयनारायण व्यास जोधपुर व कोटा वर्द्धमान महावीर में उद्यमिता विकास केंद्र बनाए जाएंगे।
स्टार्टअप व सूक्ष्म लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा।

कृषि
ग्राम की सफलता को देखते हुए आगामी दो वर्षों में संभाग स्तर पर ग्राम का आयोजन किया जाएगा।
2016-17 में उर्वरक उपलब्ध कराया गया। अब भी मांग के अनुसार यूरिया और डीएपी उपलब्ध कराया जाएगा।
उद्यानिकी एवं मानविकी महाविद्यालय में झालावाड़ में नए पाठ्यक्रम शुरु किए जाएंगे
केंद्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से फसल ऋण के रूप में 150 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे।
राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक की ओर से 10 करोड़ रुपए ऋण के प्रावधान।
महिलाओं को ये को मिली सौगात: 1000 महिला दुग्ध उत्पादन केंद्र बनाए जाएंगे।
आगामी वर्ष में पशु पालन व मत्स्य के लिए 822 कराेड़ रुपए का प्रावधान।
अगले वर्ष में मृदा स्वास्थ्य रिपोर्ट के आधार पर एक लाख किसानों को मृदा कार्ड (Soil Health card) दिया जाएगा।
1.5 लाख मीट्रिक टन यूरिया तथा 20000 मीट्रिक टन डीएपी स्टोर किये जाएंगे।
छिड़काव उपकरणों के लिए सब्सिडी में 5 प्रतिशत वृद्धि।
गुमान मंडी चपगबारोद और हरनाद साहजी को मिला के एक अलग मंडी बनाई जाएगी।
बागवानी और वन सरंक्षण हेतु नए कॉलेज बनेंगे, झालावार में वनों और वन्यजीवों का नया कोर्स।
कोटा, भीलवाड़ा और उदयपुर कृषि विभाग के लिए मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना लागू की जाएगी।
बागवानी विभाग की योजनाओं के सत्यापन के लिए जियो टैगिंग।
1180 किसान सेवा तथा ग्राम ज्ञान केंद्रों में बिजली, पानी और फर्नीचर के लिए 5.40 करोड़ दिए जाएंगे।
प्रधान मंत्री क्रॉप बीमा योजना के अंतर्गत, 53 लाख किसानों का 73 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसल बीमा में और 30 लाख किसानों के 29 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बीमा होगा।
कृषि विभाग के लिए 3156.61 करोड़ रु का प्रावधान।

सहकारिता:
फसल ऋण योजना के तहत 370 करोड़ रु की ब्याज सब्सिडी और सहकारी बैंकों को 150 करोड़ ब्याज सब्सिडी मिलेगी।
सहकारी बैंकों द्वारा किसानों में ईएमवी-किसान डेबिट कार्ड का वितरण।
2% सब्सिडी और सहकारी किसान कल्याण योजना को जारी रखा जाएगा।
एसएलडीबी और पीएलडीसी द्वारा वितरित दीर्घकालिक सहकारी कृषि ऋण पर 5% ब्याज सब्सिटी के लिए 10 करोड़ रु का प्रावधान।
20 क्रय विक्रय सहकारी सोसायटी के गोदामों के निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये रु का प्रावधान।
गोदाम और इमारतों के निर्माण के लिए 10 करोड़ रु का प्रावधान।
झालरा पाटन क्रय विक्रय सहकारी सोसायटी के कोल्ड स्टोरेज के निर्माण के लिए 3.50 करोड़ रु का प्रावधान।
स्पिनफ़ेड कर्मचारियों / मजदूरों के वीआरएस के लिए 50 करोड़ रुपये रु का प्रावधान।
क्रय विक्रय सहकारी समितियों के माध्यम से सहकारी क्षेत्र में अन्नापूर्ण भंडार की शुरुआत।

पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी विकास

भेड़ मालिकों के लिए विकास कवच योजना को फिर से शुरू किया जाएगा।
चरणबद्ध तरीके से 4160 ग्राम पंचायतों में नए पशु चिकित्सा उप-केंद्र बनाए जाएंगे।
8 पंचायत समिति और 2 तहसील मुख्यालय में बने चिकित्सा अस्पतालों को प्रथम-श्रेणी पशु चिकित्सा अस्पताल में अपग्रेड किया जाएगा।
जयपुर, कोटा जोधपुर और उदयपुर के बहुउद्देश्यीय पशु चिकित्सा अस्पतालों में रंगीन डॉपलर मशीन और अन्य उपकरण लगाए जाएंगे।
बीकानेर वीईटी विश्वविद्यालय को साथ टेलीमेडिसन के माध्यम से विभागीय मुख्यालय द्वारा जोड़ा जाएगा।
1500 पशु चिकित्सा संस्थान में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और पानी के लिए 7.50 करोड़ और 1600 पशु चिकित्सा उप केंद्रों के लिए फर्नीचर और उपकरणों के लिए 8 करोड़ का प्रावधान।
200 पशु चिकित्सा अस्पताल के भवन निर्माण के लिए 49.40 करोड़ रु का प्रावधान।
900 पशु चिकित्सक और लाइव शेयर सहायक के रिक्त पदों पर भर्ती होगी।
महिलाओं के लिए 1000 नई दूध सहकारी समितियों के संविधान
शेष पंजीकृत महिला दुग्ध सहकारी समितियों के लिए मिल्कोटेस्टर।
गम्भरी बांध (जिला चिसित्तरगढ़) में मछली ब्रूड बैंक की स्थापना के लिए 5 करोड़ रु का प्रावधान।
पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी विकास विभाग में अगले वित्त वर्ष के लिए 822 करोड़ 37 लाख रुपये •का प्रावधान, जोकि 2016-17 के अनुपात 17.47% ज्यादा है।

जल संसाधन
अगले दो वर्षों में 36 खानों में सिंचाई परियोजनाओं के नवीकरण हेतु 56.70 करोड़ रूपए का प्रावधान।
चंबल नहर वितरण प्रणाली की मरम्मत हेतु 125 करोड़ रूपए का प्रावधान।
भाखड़ा सिंचाई प्रणाली के तहत सिधुख़ा नहर प्रणाली और अमर सिंह नहर की मरम्मत हेतु 18 करोड़ रूपए का प्रावधान।
अगले वित्तीय वर्ष में परवान बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना के लिए 1000 करोड़ रूपए का प्रावधान।
बूंदी में क्षतिग्रस्त गारडा बांध में पुनर्निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
धोलपुर लिफ्ट परियोजना में कार्य शुरू किया जाएगा।
अगले वर्ष के लिए जल संसाधन विभाग के लिए 3313.08 करोड़ रु का प्रावधान है, जोकि 2016-17 की अपेक्षा 11.14% अधिक है।

हरेक राह में चिराग जलना है मेरा काम
तेवर हवाओं के मैं देखा नहीं करती

महिला एवं बालविकास
आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं की बेटियों को आर्थिक सहायता।
बालिका शिक्षा के लिए 5000 रुपए प्रोत्साहन राशि।
कन्या के विवाह पर देय अनुदान राशि व प्रोत्साहन राशि को दोगुना करने की घोषणा।
भारत सरकार 18 वर्ष से कम आयु के विशेष योग्यजन को भी 750 रुपए प्रतिमाह पेंशन की घोषणा।
कई शिक्षण संस्थाओं में अध्ययन के लिए दूरी के कारण आवागमन के लिए साइकिल उपलब्ध कराई जाएगी।
संस्थागत प्रसव पर भामाशाह प्लेटफार्म पर महिलाओं को भुगतान कराया जाएगा।
राज्य के करौली, जालौर, बारां, बीकानेर, झुंझुनूं, हनुमानगढ़ व प्रतापगढ़ में अस्पतालों में बड़े केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
किशोर न्याय अधिनियम के लिए बाल गृह, जोधपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, दौसा, हनुमानगढ़ में बनाए जाएंगे।
90 प्रतिशत के अधिक पाने वाली बोर्ड की छात्राओं को स्कूटी दी जाएगी 100 छात्राओं को।
लावारिस की मृत्यु होने पर उसका कर्म कराने वाली संस्थाओं को 5000 रुपए प्रोत्साहन राशि।
1000 विशेष योग्यजन को लाभान्वित किया जाएगा। विवाह बाद जीवन व्यतीत करने के लिए राशि 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार की गई।
97 आवासीय व गैर आवासीय आवासों का संचालन के लिए में वृद्धि।
स्वरोजगार व आर्थिक सहायता उपलब्ध कराए जाने के लिए लाभ दिए जाएंगे।
राज्य के एससीएसटी के परिवारों के ढाई लाख रुपए से कम पारिवारिक आय है, उनके बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष योजना लाई जाएगी।
आंगनवाड़ी कार्यों को प्रोत्साहन देने के लिए महिलाओं को वित्तीय सहायता प्राप्त कराई जाएगी। काम एवं प्रदर्शन के आधार पर 250-500 प्रति माह की बढ़ोतरी।
आईसीडीएस केंद्रों में बुनियादी सुविधाओं के लिए 40 करोड़, रखरखाव के लिए 30 करोड़ का प्रावधान।
मुख्यमंत्री राजश्री योजना को भामाशाह प्लेटफार्म के साथ जोड़ा जाएगा।
15 जिलों में महिलाओं की सहायता हेतु अपराजित केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
सात जिलों में चिरली योजना शुरू की जाएगी।
महिला और बाल विकास विभाग को अगले साल 17.06% अधिक वित्तीय सहायता मिलेगी।

5000 से अधिक आबादी वाले गांव बनेंगे स्मार्ट विलेज

शिक्षा

उन पंचायतों में 105 स्कूलों का निर्माण किया जाएगा, जहां ना तो कोई प्राइवेट और ना ही कोई सरकारी स्कूल हैं।
जिन पंचायतों के विद्यालयों में कक्षा दस में 40 से ज्यादा छात्र नामांकित हैं उनका नवीनीकरण एवं अपडेट किया जाएगा।
112 कला विद्यालयों में सीनियर कक्षाओं में विज्ञान संकाय का निर्माण होगा।
26 कला और वाणिज्य सीनियर स्कूलों में विज्ञान संकाय का निर्माण होगा।
54 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में गणित, 23 में जीव विज्ञान और 190 में कृषि विज्ञान विषय शामिल किया जाएगा।
कंप्यूटर और इंटरनेट के लिए 29.6 9 करोड़ रु का प्रावधान।
शिक्षाकर्मियों, पैराटेचर्स (मदरसा) अध्यापकों की मानद उपाधि में 10% की बढ़ोतरी।
50 माध्यमिक और सीनियर स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा कोर्स शामिल किया जाएंगे।
133 स्कूलों में 74 करोड़ की लागत से बुनियादी ढांचों पर काम होगा।
58 नए स्कूल भवनों में 1134 नए कमरों का निर्माण।
3.60 लाख रूपए की लागत से महिला छात्रों के लिए रक्षा प्रशिक्षण।
कक्षा -10 और कक्षा -12 (कला और वाणिज्य) के मेधावी छात्रों के लिए राज्य प्रतिभा खोज परीक्षा की व्यवस्था।

उच्च शिक्षा
8 नए कॉलेजों का निर्माण।
पीजी स्तर पर नए विषयों के लिए 7 कॉलेज का निर्माण।
पीजी स्तर पर नए विषयों के लिए 3 कॉलेज का निर्माण।
11 महाविद्यालयों में यूजी पर नए विषय शामिल किये जाएंगे।
यूजी स्तर पर 5 महाविद्यालयों में नए विज्ञान संकाय होंगे।
8 कॉलेजों के निर्माण के लिए 48 करोड़ रूपए दिए जाएंगे।
डिवीजनल स्तर के कॉलेजों में स्मार्ट साइंस लैब्स होंगे।
10 कॉलेजों में शिक्षा के लिए सामाजिक मंच का संयोजन।
अलवर, बंसवाड़ा, सीकर और भरतपुर में विश्वविद्यालयों के निर्माण के लिए 50 करोड़ दिए जाएंगे।
2017-18 में उच्च शिक्षा के लिए11.01% अधिक खर्च किए जाएंगे।
8 इंजीनियरिंग कॉलेजों के तकनीकी शिक्षा एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं के लिए 7.10 करोड़ रूपए का प्रावधान।
प्रत्येक नये इंजीनियरिंग कॉलेज के विकास के लिए 1 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
भरतपुर के शैक्षणिक ब्लॉक में लड़कियों के हॉस्टल और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माण के लिए 6 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अनुदान।

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