हालिया वर्षों में देश—दुनिया की महिलाएं हर क्षेत्र में झंडे गाड़ रही है। इससे यह तो साबित हो गया है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं किसी भी क्षेत्र में उनसे कमजोर नज़र नही आती है। जरूरत है तो उन्हें हर क्षेत्र में सिर्फ अवसर देने की। भारत में महिलाएं बड़ी से बड़ी परेशानियों से पार पाकर आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही है। आज की कहानी भी एक ऐसी ही महिला की है जिसने अपनी कठिनाईयों और दुखों के पहाड़ को चीरते हुए राष्ट्रपति से सम्मानित होने का अवसर पाया है। हां जी, हम बात कर रहे हैं देश और राजस्थान की पहली महिला कुली मंजू की। आइये जानते हैं कि राजस्थान की महिला कुली मंजू की कहानी सुनकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भावुक क्यों हो गए.. Ramnath Kovind
ऐश्वर्या राय बच्चन सहित देश की 112 महिलाओं के साथ मंजू को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित Ramnath Kovind
देश की जिन 112 महिलाओं को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सम्मानित किया उनमें राजस्थान की मंजू भी शामिल है। जयपुर रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करने वाली मंजू के संघर्ष की कहानी बहुत लंबी है। वर्षों पहले मंजू की शादी जयपुर स्टेशन पर काम कर घर का गुजारा करने वाले कुली महादेव से हुई थी। दोनों की शादी के बाद सब कुछ ठीक—ठाक चल रहा था। लेकिन कुछ वर्षों बाद मंजू के पति की तबीयत खराब रहने लगी। एक बीमारी के चलते उनके पति की मृत्यु हो गई। ऐसे में तीन बच्चों के भरण—पोषण की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। मंजू कुछ समय तक तो इसी चिंता में परेशान होती रही। फिर उन्हें याद आया अपने पति महादेव का बिल्ला नं. 15। यही बल्ला मंजू को आगे की राह दिखाने में सहायक बना। Ramnath Kovind
#PresidentKovind meets a group of women achievers, who are the first to set a milestone in their respective fields, at Rashtrapati Bhavan; says progress of women is barometer for progress of any country or society pic.twitter.com/4TglZnDkBS
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 20, 2018
पति महादेव का बिल्ला नं. 15 ने दिखाई मंजू को आगे की राह Ramnath Kovind
पति महादेव का बिल्ला नं. 15 के बारे में मंजू की रेलवे अधिकारियों से बात हुई, तो उन्हें पति का लाइसेंस और काम करने की स्वीकृति मिली। यहीं से मंजू ने अपने बुरे वक्त को पीछे छोड़ने की शपथ लेते हुए इस बिल्ले को अपने बाजू पर बांधा और दुनिया को बोझ उठाने के लिए निकल पड़ी। जयपुर रेलवे स्टेशन पर कुली नंबर 15 नंबर के रूप में काम करने वाली मंजू ने अपनी इन परिस्थितियों को राष्ट्रपति भवन में बयां किया तो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी अपने आप को भावुक होने से नहीं रोक पाए। मंजू ने राष्ट्रपति भवन में अपने-अपने क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल करने वाली महिलाओं को संबोधित करते हुए शनिवार को कहा, ‘मेरा वजन 30 किलोग्राम था और यात्रियों का बैग भी 30 किलोग्राम था, लेकिन तीन बच्चों को पालने के बोझ के मुकाबले यह कहीं नहीं लगता था। मेरे पति की मौत के बाद मुझे ही बच्चों को पालना था। उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने मुझे छह महीने तक प्रशिक्षण दिया और उसके बाद मैं कुली बन गई। Ramnath Kovind
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178 पुरुष कुलियों के बीच अकेली महिला कुली, एक्ट्रेस विद्या बालन के साथ आ चुकी है नजर Ramnath Kovind
जयपुर रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले 178 पुरुष कुलियों के बीच मंजू अकेली महिला कुली है। जयपुर जंक्शन पर बिल्ला नं. 15 बाजू पर बांधे बोझ उठाती मंजू को जो भी देखता है उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाता। कुलियों के लिए 50 किलो बोझ उठाने की सीमा तय है, मंजू इस सीमा तक बोझ उठा लेती हैं। हालांकि, शुरूआत में मंजू को अपने पुरुष साथियों से सहयोग नहीं मिला। लेकिन धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य हो गया। मंजू का मजबूरी में शुरू किया गया ये सफर अब उनकी खास पहचान बन चुका है। बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन के साथ मंजू एक कलर्स के शो ‘मिशन सपने’ में भी नजर आ चुकी हैं। शो में बताया गया था कि किस तरह एक महिला अपने सपनों को हिम्मत के साथ पूरा कर सकती है। मंजू और कुछ अन्य महिलाओं की कहानियां सुनने के बाद राष्ट्रपति ने कहा कि यहां हर किसी के पास सुनाने के लिए अपनी एक कहानी है। Ramnath Kovind