बिजली संकट! कई गांवों में रोज 5 घंटे तक हो रही कटौती

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    जयपुर। प्रदेश में एक बार फिर से बिजली संकट गहराता नजर आ रहा है। मानसून की बेरूखी से कृषि के क्षेत्र में भी बिजली की मांग बढ़ गई है। बिजली की मांग बढ़ने से हालात ऐसे हो गए हैं कि शाम के समय 7 बजे से रात 11 बजे तक जब बिजली की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। तब ग्रामीण क्षेत्रों में दो घण्टे तक का कट लगाया जा रहा है। एक्सचेंज से मंहगें दामों में बिजली की खरीद भी की जा रही है। इसके बाद भी कई इलाकों में लगातार पांच घंटे तक बिजली कट रखी जा रही है। इससे ग्रामीण इलाकों में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

    जानिए कहां कहां आई तकनीकी खराबी
    ऊर्जा विकास निगम की मानें तो मानसून के दौरान रबी की फसलों से पहले सालाना विद्युत उत्पादन इकाईयों को रखरखाव के लिए शटडाउन लिया जाता है। इस बार पिछले साल की तुलना में इस बार लोड का आंकलन सही नहीं होने के कारण और विंड एनर्जी पूरी नहीं मिलने के कारण कटौती के हालात पैदा हुए हैं। अभी केटीपीएस की 210 मेगावॉट की तीन नम्बर की इकाई में उत्पादन ठप है। छबड़ा की 250 मेगावॉट की चार नम्बर और 660 मेगावॉट की 6 नम्बर की इकाई में उत्पादन बन्द है। सूरतगढ़ की 250 मेगावॉट की एक नम्बर की और 660 मेगावॉट की दोनो सात और आठ नम्बर में उत्पादन ठप है।