कहते हैं सफलता किसी की मोहताज नहीं होती। अगर इरादों में दम है तो वह आपको मिलकर ही रहती है। यह कहानी राजस्थान की चूरू की रहने वाली एक ऐसी ही लड़की की है जो केवल अपनी इच्छा शक्ति की बदौलत ही प्रदेश की दूसरी लड़ाकू विमान उड़ाने वाली महिला पायलट बन गई है। इनका नाम है प्रतिभा पूनिया जो चूरू की रहने वाली हैं। pilot
स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली में हुई परेड के दौरान घुड़सवारी में प्रदेश की ओर से शामिल हुई प्रतिभा ने वहां वायु सेवा का कमाल देखा। यही करतब देखकर प्रतिभा ने उसी समय पायलट बनने का निर्णय लिया और उसके लिए इंटरनेट पर जानकारियां हासिल करने में जुट गई। छह बार इंटरव्यू में सफलता न मिलने पर भी प्रतिभा ने हार नहीं मानी और 7वें इंटरव्यू में जाकर उसे कामयाबी हासिल हुई।pilot
रविवार दोपहर अपने पैतृक गांव नरवासी में हुए सम्मान समारोह में प्रतिभा ने कही। उन्होंने कहा कि ‘आज कुछ भी नामुमकिन नहीं है। जो सोचते हैं, उसके लिए प्रयास जरूरी है। सही तरीके से की गई मेहनत निश्चित तौर पर सफलता दिलाती है। ऐसा कुछ नहीं है, जिसे हम कर नहीं सकते।’ आगे उन्होंने बताया कि वायु सेना में महिला पायलट के लिए अतिरिक्त सुविधा दिए जाने जैसा कुछ नहीं है। सभी के लिए एक समान रूप से नियम बने हुए हैं।
आपको बता दें कि वायुसेना में लड़ाकू विमान उड़ाने वाली प्रदेश की दूसरी महिला पायलट चूरू की प्रतिभा पूनिया हैं जिसने आसमान में उड़ने का सपना देखता। 6 बार इंटरव्यू में रिजेक्ट होने के बाद भी हार न मानने वाली प्रतिभा का सपना अब जाकर पूरा हुआ है। इससे पहले प्रतिभा का आईआईटी में जाने का सपना था, पर वह पूरा नहीं हो पाया। इस समय भारतीय वायु सेना में पांच महिला फाइटर पायलेट हैं। प्रतिभा की पढ़ाई के अलावा चित्रकला व संगीत नृत्य में भी खास रूचि प्रतिभा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता छोटूराम पूनिया और उनकी मां उर्मिला देवी को दिया है।
प्रतिभा बताती हैं कि उनके जन्म पर उनके पिता ने न केवल थाली बजाई, बल्कि पुत्र के समान दशोठन भी किया था। प्रतिभा के माता—पिता का कहना है कि बेटी द्वारा अर्जित सफलता पर उन्हें गर्व है। बेटियों को बेटे समान ही समझें, अच्छे संस्कार देवें और उन्हे आगे बढ़ाएं।