पद्मावती: एक ऐतिहासिक फिल्म ​या राजपूतों की नाराजगी की वजह

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    डायरेक्टर संजय लीला भंसाली का बॉलीवुड में कद काफी ऊंचा है और उससे भी ऊंची उनकी सोच है। भंसाली हमेशा से ही अपने गंभीर मुद्दों को लेकर बनाई गई फिल्मों को लेकर चर्चाओं में और उससे भी ज्यादा विवादों में रहे हैं। रणवीर कपूर और सोनम कपूर को लेकर बनाई गई फिल्म सांवरिया और रणवीर सिंह, प्रियंका व दीपिका पादुकोण स्टारर भी अपने गंभीर मुद्दों को लेकर खासी चर्चाओं में रही थी। अब ऐसा ही कुछ भंसाली की अपकमिंग मुवी पद्मावती के साथ भी हो रहा है। रणवीर सिंह, ​दीपिका पादुकोण और शाहिद कपूर को लेकर बनाई जा रही यह पीरियड ड्रामा 1 दिसंबर को सिनेमाघरों में दस्तक देगी। हालांकि यह फिल्म महारानी पद्मावती और राजपूती इतिहास को लेकर बनाई जा रही है लेकिन राजपूत समाज ने इस फिल्म व संजय लीला भंसाली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

    डायरेक्टर संजय लीला भंसाली का बॉलीवुड में कद काफी ऊंचा है और उससे भी ऊंची उनकी सोच है। भंसाली हमेशा से ही अपने गंभीर मुद्दों को लेकर बनाई गई फिल्मों को लेकर चर्चाओं में और उससे भी ज्यादा विवादों में रहे हैं।
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    कथित रूप से रानी पद्मावती की कहानी 13वीं और 14वीं सदी की है जो चित्तौड़ की रानी थीं। रानी पद्मावती का किरदार इस फिल्म में दीपिका ने और उनके पति रावल रतन सिंह का किरदार शाहिद कपूर ने प्ले किया है। रणवीर सिंह बने हैं मुस्लिम शासक अलाउद्दीन खिलजी। कहा जाता है कि इस फिल्म में भंसाली ने पद्मावती का अलाउद्दीन खिलजी संग प्रेम प्रसंग दिखाया है जो वास्तविकता में कभी हुआ ही नहीं था। अब यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब यह विवाद इतना बढ़ गया है कि इस कहानी का विरोध कर रहे राजपूत संगठनों और जौहर स्मृति संस्थान (जेएसएस) ने फिल्म रिलीस के मौके पर 1 दिसंबर को चित्तौड़गढ़ बंद का ऐलान कर दिया है। साथ ही राजस्थान के उदयपुर संभाग के चित्तौड़गढ़ जिले में बीते शुक्रवार को भी निजी स्कूल बंद रहे। गैर अनुदानित शिक्षण संस्था संचालक समिति के आह्वान पर यह बंद किया गया था। जैसे—जैसे इस फिल्म की रिलीज का समय पास आ रहा है, विरोध और भी तेज हो रहा है।

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    इस बंद का प्रचार-प्रसार करने के लिए संगठन सोशल मीडिया, मोबाइल मेसेज और अन्य तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। इस बंद में राजपूत संगठन करणी सेना भी शामिल है। इसके चलते स्कूल, कॉलेज, बाजार और सिनेमाघर बंद रखे जाएंगे।

    राजपूत संगठन और जौहर स्मृति संस्थान का कहना है कि इस फिल्म में भंसाली राजपूती इतिहास को तोड़—मरोड़ कर पेश कर रहे हैं जिसे बिलकुल भी बर्दाश नहीं किया जाएगा। इतिहास के पन्नों में अलाउद्दीन खिलजी ने 1303 इसवी में चित्तौड़गढ़ पर हमला किया था, मगर इसकी वजह रानी नहीं थीं। यह भी दावा किया गया है कि रानी पद्मावती का असली नाम पद्मिनी है। जैन पुस्तक में रानी पद्मावती के पति रावल रतन सिंह का जिक्र है लेकिन खिलजी संग उसके किसी भी संबंध की कोई चर्चा नहीं है। जैन धर्म की यह पुस्तक 14वीं से 16वीं ईसा पूर्व लिखी गई है। ऐसे में भंसाली की फिल्म में दिखाए गए दृश्य व कहानी राजपूती समाज का मजाक उड़ाने जैसा है।

    गौर करने लायक बात यह है कि इस फिल्म में केवल राजस्थान में ही नहीं, बल्कि देश के कई हिस्सों में विरोध शुरू हो गया है। राजस्थान सहित गुजरात और महाराष्ट्र में भी इस फिल्म को रिलीज न किए जाने की मांग हो रही है। बड़े भारी बजट की इस फिल्म को अगर रिलीज न किया तो फिल्म निर्माता व वितरकों को भारी नुकसान होगा। साथ ही इतने विरोध के बीच यह फिल्म डायरेक्टर संजय लीला भंसाली के लिए नाक का सवाल बन गई है।

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