प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में प्रदेश वासियों की समस्याओं का निवारण करने के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जल कल्याण शिविरों का माध्यम अपनाया। मुख्यमंत्री राजे ने ग्रामीण जन कल्याण अभियान के माध्यम से प्रदेश के गांवों में बसने वाले लोगों की समस्याओं को सुना और उनका त्वरित समाधान किया। अभियान के तहत एक प्रशासनिक अमला निश्चित दिन को गांव में जन कल्याण शिविर लगाता है जिसमें ग्रामीणों को सभी प्रकार की समस्याओं का निस्तारण किया जाता है। जिस प्रकार से गांवों में ग्रामीण जन कल्याण शिविर लगाया जाता है उसी प्रकार अब शहर वासियों को भी जल्द राहत मिल रही है। मुख्यमंत्री राजे ने अब शहरी जनकल्याण शिविर लगाने का फैसला किया है जो कि 10 मई से लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री शहरी जन कल्याण शिविर अब 10 मई से शुरू होंगे 10 जुलाई तक चलेंगे।
जयपुर में होगा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
निकायों में जन कल्याण शिविर की प्रक्रिया अनवरत चलती रहेगी। 2 मई को इस अभियान का प्रदेश स्तरीय ट्रेनिंग प्रोग्राम भी जयपुर में होगा। दो मई को एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में होगा। सभी निकायों के अध्यक्ष, सभापति, आयुक्त, अधिशाषी अधिकारी, समस्त प्राधिकरण नगर न्यासों के अध्यक्ष एवं उपसचिव तथा नगर नियोजन विभाग के समस्त अधिकारी इसमें भाग लेंगे। इससे पहले सभी जिला कलेक्टरों को मुख्य सचिव वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 27 अप्रैल को दिशा निर्देश देंगे। शिविरों के संचालन का कंट्रोल रूम स्वायत्त शासन भवन मुख्य नगर नियोजन कार्यालय में स्थापित किया जाएगा।
बड़े निकायों में हर सप्ताह 16 शिविर, छोटे में 8 शिविर
जयपुर में दो शिविर प्रति सप्ताह प्रति जोन आयोजित होंगे। जयपुर नगर निगम सीमा में 91 वार्ड के 8 जोन हैं। दो माह में हर वार्ड में शिविर लगाए जाएंगे। जयपुर नगर निगम के अतिरिक्त अन्य नगर निगमों में दो शिविर प्रति सप्ताह संयुक्त रूप से दो वार्ड में आयोजित किए जाएंगे। वहां प्रति सप्ताह 8 शिविर तथा दो माह में लगभग 60 वार्ड में शिविर आयोजित किए जाएंगे। नगर निगमों के अतिरिक्त अन्य शहरों (नगर परिषद, पालिका) में एक शिविर प्रति सप्ताह संयुक्त रूप से दो वार्ड में आयोजित किये जायेंगे। प्रत्येक सप्ताह के सोमवार मंगलवार तथा गुरुवार शुक्रवार को आयोजित किए जाएंगे। buybtc.in rajpalace.com
शिविरों में ये काम होंगे
शिविरों में मुख्य रूप से कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों का नियमन, सिवायचक भूमि पर कॉलोनी- आवासों का नियमन, स्टेट ग्रांट एक्ट के अंतर्गत पट्टे जारी करना, कच्ची बस्ती नियमन, खांचा भूमि का आवंटन, भू-खंडों के बढ़े हुए क्षेत्रफल का नियमन, भवन मानचित्र अनुमोदन निर्माण स्वीकृति, कृषि भूमि के अकृषि प्रयोजनार्थ रूपान्तरण-नियमन पट्टा एवं साइट प्लान जारी करना, भूखंडों का उपविभाजन-पुनर्गठन, बकाया लीज एवं नगरीय विकास कर की ब्याज राशि में छूट देकर वसूली सिवायचक भूमि का नगरीय निकायों को हस्तांतरण, सिलिंग अधिनियम, भू-स्वामियों की संपदा अर्जन अधिनियम एवं कस्टोडियन भूमि से प्रभावित योजनाओं में नियमन, आवासन मण्डल, पीडब्लूडी, जलसंसाधन विभाग एवं नगरीय निकायों द्वारा अवाप्त भूमि में आवासीय निर्माणों का नियमन प्राधिकरण न्यासों के क्षेत्र में आने वाली ग्राम पंचायतों को आबादी के लिए भूमि आंवटन, ईडब्लुएस एलआईजी तथा 60 वर्ग मीटर से छोटे भूखंडों एवं आवासों को नियमन, गाडिया लुहारों, राज्य विमुक्त, घुमंतु अर्द्ध घुमंतु जातियों को 50 वर्गगज भूमि का निशुल्क आवंटन, भूमि अवाप्ति के प्रकरणों में विकसित भूमि का विकल्प प्रस्तुत करने की अवधि बढ़ाने और ऐसे प्रकरणों का निस्तारण, एक मुश्त लीज जमा कराने पर लीज मुक्ति प्रमाणपत्र जारी करना, भूखंडों के नाम हस्तांतरण, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किया जाना, सीएम जन आवास योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग तथा निम्न आय वर्ग के व्यक्तियों को सस्ते मकान उपलब्ध कराने के लिए आय प्रमाण-पत्र जारी करना तथा योजना तैयार करना, पार्कों अन्य सुविधा क्षेत्रों का सीमांकन करना, सामुदायिक शौचालय स्थलों का चिह्नीकरण, शहरी आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह का गठन, प्रशिक्षण के युवाओं का चयन के लिए आवेदन प्राप्त करना।
एंपावर्ड कमेटी करेगी समस्या का त्वरित निस्तारण
योजना के तहत शिविर कार्यों के त्वरित निस्तारण के लिए एम्पावर्ड कमेटी गठित की गई है। इसमें नगर निगमों में उपायुक्त, अध्यक्ष/संयोजक होंगे। अधिशाषी/सहायक/कनिष्ठ अभियंता सदस्य होंगे। नगर नियोजक, सहायक नगर नियोजक वरिष्ठ प्रारूपकार सदस्य होंगे। लेखाधिकारी, सहायक लेखाधिकारी, लेखाकार तथा विधि शाखा के अधिकारी सदस्य होंगे।