जल स्वावलंबन अभियान: इतना करेंगे काम कि नही फैलाने पड़ेगे किसी के सामने पानी के लिए हाथ- मुख्यमंत्री राजे

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CM Vasundhara raje MJSA jal Success

राजस्थान में पानी की गंभीर समस्याओं को देखते  हुए प्रदेश सरकार ने जल बचाने के लिए एक अहम अभिआन चलाया। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रयासों से प्रदेश में जल स्वावलंबन अभियान चलाया जा रहा हैं। अभियान का मुख्य उद्देश्य राजस्थान को जल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है ताकि प्रदेश को आने वाले भविष्य में किसी के सामने पानी के लिए हाथ नही फैलाने पड़े।

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश के भविष्य को ध्यान में रखकर जल स्वावलंबन अभियान की नींव ड़ाली। जल स्वावलंबन के पहले चरण की अपार सफलता के बाद सरकार इसके दूसरे चरण को प्रभावी बनाने के लिए जोर-शोर से जुटी हैं। पहले चरण के अभियान की सफलता के बाद दूसरे चरण के लिए दोगुने जोश ओर जज्बे से जुटना होगाल ताकि प्रदेश जल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और हरा-भरा हो सके। मुख्यमंत्री राजे इस अभियान को उस स्थिती में ले जाना चाहती है जहां किसी भी परिस्थिती में प्रदेश को पानी के लिए किसी के सामने हाथ नही फैलाने पड़े।

जल स्वावलंबन अभियान का दूसरा चरण

नौ दिसंबर से राजस्थान के 4200 गांवों औऱ 66 नगरीय क्षेत्रों में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान का दूसरा चरण प्रारंभ हो रहा हैं। रविवार को राजधानी जयपुर स्थित दुर्गापुरा कृषि प्रबंधन संस्थान में मुख्यमंत्री राजे इस अभियान के दूसरे चरण की सफलता को लेकर आयोजिक की गई कार्यशाला को संबोधित कर रही थी। मुखयमंत्री राजे ने कहा कि राजस्थान ना केवल देश की पहचान बना है बल्कि विश्व स्तर पर पहचान बना हैं। उन्होने जल स्वावलंबन अभियान से सभी को जुडने के लिए का आह्वान किया हैं। मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि दूसरे चरण के अभियान को सफल बनाने के लिए सभी को एक साथ आना होगा। अब इस अभियान को गांवों के साथ शहरों को जोड़ दिया गया हैं। इस चरण में करीब एक करोड़ पौधे लगाने का भी राजस्थान सरकार का लक्ष्य़ हैं।

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1 लाख 40 हज़ार कार्यों को डीपीआर हुई तैयार

मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के दूसरे चरण में 1 लाख 40 हज़ार कार्यों की डीपीआर तैयार कि गई हैं। इस चरण में राज्य सरकार ने प्रदेश भर के करीब 1 लाख 40 हजार जल प्रबंधन संबंधी कार्य करने का लक्ष्य निर्धारित किया हैं। इन कार्यों को वेब मैपिंग से जोड़ा जा रहा हैं। कार्यों की प्रभावी मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित होगी।

41 लाख लोगों और 45 लाख पशुधन को पहले चरण में मिला लाभ

मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के पहले चरण में प्रदेश के कई गांवों में जल प्रबंधन के कार्य करवाए गए। इन कार्यों से सीधे तौर पर प्रदेश के 41 लाख लोगों को लाभ मिला यानी पानी के लिए 41 लाख लोग राजस्थान सरकार के इस अभियान के तहत हुए कार्यों से लाभांवित हैं वहीं 45 हजार पशुधन को भी जल स्वावलंबन अभियान का सीधा लाभ मिला हैं। जल स्वावलंबन अभियान के पहले चरण में करीब 11 हजार 170 मिलियन क्यूबिक फीट जल का प्रबंधन किया गया था तथा करीब 27 लाख पौध लगाये गए थे।

50 ब्लॉक हुए सेफ, पहले थे 25

मुख्यमंत्री राजे के प्रयासों से राजस्थान की तस्वीर बदल गई हैं। ग्राउंड वारट एसेसमेंट की रिपोर्ट के अनुसार पहले राजस्थान  में 25 वाटर सेफ ब्लॉक थे जो कि इस अभियान के बाद अब 50 हो गये हैं।  अभियान में चयनित क्षेत्रों के जलाशय आज पानी से भरपूर हैं, सूखे कुएं, जोहड़ औऱ नलकुंपों में भी पानी आ गया हैं।

दूसरे राज्य अपना रहे है राजस्थान मॉड़ल

मुख्यमंत्रा वसुंधरा राजे ने प्रदेश को एक नई दिशा प्रदान करने का कार्य किया हैं। आने वाले समय में राजस्थान सरकार की इन योजनाओं से प्रदेश की जनता लाभांवित होंगी। प्रदेश को खुशहाल बनाने के लिए मुख्यमंत्री राजे के महत्वकांक्षी अभियान में से एक जल स्वावलंबन अभियान है। इस अभियान की सफलता खुद प्रदेश की खुशहाल जनता बयां कर रही हैं। जल स्वावलंबन अभियान के पहले चरण में प्रदेश को लाखों लोगों को एक नया जीवन मिला हैं। यही कार्य मुख्यमंत्री राजे इस अभियान के दूसरे चरण में दोगुने जोश के साथ दोहराने जा रही हैं। अब राजस्थान गरीब और पिछडे राज्यों की गिनती में नही आता क्य़ोंकि पिछली सरकार के सभी घोटालों से मुख्यमंत्री राजे ने प्रदेश को उबार कर एक नए मॉड़ल के रूप में विकसित किय़ा हैं। अब राजस्थान दूसरे राज्यों के लिए एक मॉडल बन गया हैं।

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