
राजस्थान सरकार द्वारा चलाया जा रहा महत्वकांक्षी मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान का दूसरा चरण 10 दिसंबर से शुरू हो रहा हैं। इस अभियान के तहत प्रदेश को जल समस्याओं से मुक्त कर समृद्ध प्रदेश बनाना हैं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जल स्वावलंबन अभिनयान को अपने पायलट प्रोजेक्ट्स में स्थान दिया हैं ताकि प्रदेश की जनता पानी की किल्लत से निजात पा सकें। इस अभियान के तहत होने वाले कार्यों की केंद्र सरकार ने भी तारीफ की है और राजस्थान की तरह इसे अन्य प्रदेशों में भी लागू करने की योजना पर काम कर रही हैं।
मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान का पहला चरण
राजस्थान देश का सबसे बड़ा प्रदेश हैं ऐसे में यहां पेयजल और सिंचाई के लिए अत्याधिक जल दोहन होता हैं। प्रदेश के पास देश भर का मात्र एक फीसदी ही पानी हैं । भूजल दोहन के मामले में भी राजस्थान पिछड़ा हुआ हैं। प्रदेश के 295 ब्लॉक्स में से 251 ब्लॉक डार्क जोन में आते हैं। ऐसी स्थिती में हमें बूंद-बूंद जल का संग्रहण करना है और उसका किफायती ढंग से इस्तेमाल करना होगा।
वसुंधरा सरकार ने पिछली सरकारों द्वारा किए गये जल बचाने के नाकाफी कार्यों को देखते हुए एक जल आंदोलन की शुरुआत की। 27 जनवरी 2016 से पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान को आंदोलन के रुप में चलाया गया। इसी अभियान का परिणाम है कि 6 महिनों में 3 हजार 529 गांवों में 1192 करोड़ रुपए की लागत से 92 हजार 552 कार्य पूर्ण करवाए गये। इस अभियान से जल संग्रहण और वृक्षारोपण का ऐसा कार्य हुआ जिससे प्रदेश के किसान वर्ग और आम लोगों को फायदा मिला।
मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत हुए ये कार्य
मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत प्रदेश में जल स्तर सुधारने, पानी बचाने ओर जल संग्रहण के बहुत के कार्य हुए। प्रदेश के विभिन्न जिलों में इस योजना से तालाब, एनीकट, लबालब भर गए हैं। इन तालाबों और एनीकटों के आस पास स्थानीय नागरिकों के सहयोग से वृक्षारोपण भी करवाया गया। गांवों में स्थानीय किसानों और नागरिकों के साथ मिलकर सरकार ने उनकी पानी की समस्याओं को दूर करने का कार्य किया हैं। पानी को संरक्षित करने के लिए खेतों में मेड़ बनवाने, नई बावड़िया खुदवाने, पुराने जल स्त्रोतों का विस्तार कर उनका जीर्णोद्घार करवाना, तालाब बनावान, एनीकट, तलाईयों का विस्तार करना, पुरानी तलाईयों का जीर्णोद्धार करवाने का कार्य राज्य सरकार ने प्राथमिकता से करवाया हैं। इस अभियान के तहत करीब 3 हजार 529 गांवों में 1192 करोड़ रुपए की लागत से 92 हजार 552 कार्य पूर्ण करवाए गये।
मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन का दूसरा चरण
मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के दूसरे चरण में प्रदेश के करीब 43 00 गांवों में जल स्वावलंबन से संबंधिक कार्य करवाए जाने हैं। 10 दिसंबर 2016 से शुरु हो रहे जल स्वावलंबन अभियान में 2100 करोड़ की लागत से प्रदेश के कई हिस्सों में कार्य कराये जाएंगे। अभियान के पहले चरण में इसे गांवों तक सीमित रखा गया था लेकिन दुसरे चरण में शहरों को भी शामिल किया जा रहा हैं। अब राजे सरकार शहरों में जल संग्रहण के लिए पूरानी बावड़ियों, तालाबों, जोहड़ों और चवदकों आदि का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। इसके अलावा शहरों में रूफ टॉप वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा।