जयपुर। निकाय चुनाव को लेकर गहलोत सरकार के ही दो मंत्री बदलाव के खिलाफ मुखर हो गए है। खाद्य नागरिक-आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास अपनी ही सरकार के विरोध में उतर गए। पार्षद का चुनाव नहीं लड़ने वाले व्यक्ति और हारे हुआ प्रत्याशी को भी मेयर-सभापति बनने की छुट देने वाली व्यवस्था के खिलाफ दो मंत्री सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि यह फील्ड में काम करने वाले और पार्षद का चुनाव जीत कर आने वाले लोगों के साथ अन्याय है।
यह अन्याय है : प्रतापसिंह खाचरियावास
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने नए प्रावधान (हारे हुए या बिना चुनाव लड़े प्रत्याशी को मेयर या सभापति बनाया जाना) का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि यह प्रावधान फील्ड में काम करने वाले नेता और पार्षद का चुनाव जीत कर आने वाले लोगों के साथ अन्याय है। सरकार काे इस पर पुनर्विचार करना चाहिए। बता दें कि बुधवार काे जारी आदेश में कहा गया कि मेयर-सभापति बनने के लिए पार्षद बनना जरूरी नहीं हाेगा।
चुनाव लड़कर आने वाले कार्यकर्ताओं के साथ धोखा : रमेश मीणा
खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने प्रेस काॅन्फ्रेंस में कहा कि मेयर-सभापति चुनने के फैसले का सभी ने स्वागत किया लेकिन दो दिन पहले जारी नोटिफिकेशन में पार्षद का चुनाव लड़कर आना या जीतकर आना आवश्यक नहीं बताया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे में चुनाव जीतकर आने वाले कार्यकर्ताओं के खिलाफ यह फैसला धोखा है। चुनाव जीतकर आने वाले कार्यकर्ताओं काे आशा रहती है कि वे मेयर-पालिकाध्यक्ष भी बनेंगे। सरकार को इसपर फिर से विचार करना चाहिए।
बीजेपी की जीत से घबराई कांग्रेस : बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष
अशोक गहलोत सरकार के इस फैसले पर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि यह फैसला कांग्रेस की बौखलाहट और घबराहट के अलावा हार के डर को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे कोई भी निर्णय कर लें आगामी निकाय चुनाव में बीजेपी को बड़ी जीत हासिल होने वाली है।