ग्राम-2016 में मीणा समाज के कृषकों की भागीदारी देखकर प्रसन्न हुई मुख्यमंत्री राजे ने समाज को बड़ी राहत देते हुए मीणा-मीना विवाद के आदेश को वापस लने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री राजे ने इस विवाद को अनावश्यक बताया और कहा कि मीणा समाज के काश्तकार कृषि और कृषि से संबंधित कार्यों में ध्यान देकर आगे बढ़ने के बारे में सोचे।
आदेश पहले ही हो चुका है निष्प्रभावी, विवाद हो समाप्त
मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि जिस आदेश को लेकर इसे मुद्दा बनाया जा रहा है, वह आदेश पहले ही निष्प्रभावी हो चुका है। उन्होंने कहा कि मैं आज फिर कहती हूं कि यह आदेश वापस ले लिया गया है। इसके बाद अब मीणा-मीना विवाद को लेकर संशय की स्थिति स्वतः ही समाप्त हो जाती है।
ग्राम के दूसरे दिन मीणा समाज के काश्तकारों ने विवाद की जानकारी
उन्होंने कहा कि ग्राम-2016 के दूसरे दिन जब के किसान भाईयों से बात कर रही थी तब मीणा समाज के काश्तकार भाईयों ने बताया कि कि मीणा-मीना को लेकर बेवजह तूल दिया जा रहा है। जिसकी तथ्यात्मक स्थिति से अवगत कराया जाना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे 36 की 36 कौमों और सब मजहबों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती हैं और यही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। इसलिए ये ना पहले कभी मुद्दा था और ना आज है और ना भविष्य में रहेगा।
यहां से शुरू हुआ थ विवाद
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने 30, सितंबर 2014 और 23 दिसंबर 2014 को सरकुलर जारी किए थे। जिसमें कहा गया था कि मीणा के सर्टिफिकेट को मीना के रूप में स्पेलिंग सुधार नहीं किया जाए। इसके बाद से ही मीना-मीणा विवाद प्रदेश में शुरु हुआ था। हालांकि इसके पीछे विभाग का तर्क था कि कोर्ट के मौखिक आदेशों के कारण ये सरकुलर जारी किए गए थे। जिसे राज्य सरकार वापस लेने का आश्वासन दे चुकी है।