देश में बापू महात्मा गांधी के मरने से पहले बोले आखिरी शब्दों पर फिर से बहस शुरू हो गई है। महात्मा गांधी की 70वीं पुण्यतिथि पर उनके निजी सचिव रहे वेंकट कल्याणम ने अपने पिछले बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया था। उन्होंने कभी नहीं कहा कि ‘हे राम’ बापू के अंतिम शब्द नहीं थे। इससे पहले वर्ष 2006 में कोल्लम में एक संवाददाता सम्मेलन में कल्याणम ने पूरे देश को यह कहकर चौंका दिया था कि ‘जब नाथूराम गोडसे की गोलियां लगने से महात्मा गांधी गिर गए थे, तो उन्होंने ‘हे राम’ नहीं बोला था।’ हालांकि महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने कल्याणम के बयान को खारिज किया था। Mahatma Gandhi
मंगलवार को गांधीजी की पुण्यतिथि पर 96 वर्षीय वेंकट ने कहा, ‘मैंने कभी नहीं कहा कि गांधीजी ने ‘हे राम’ नहीं बोला था। मैंने यह कहा था कि मैंने उन्हें ‘हे राम’ कहते नहीं सुना। हो सकता है कि महात्मा गांधी के अंतिम शब्द ‘हे राम’ रहे हों लेकिन मैं इस बारे में नहीं जानता।’ Mahatma Gandhi
आपको बता दें कि वेंकट कल्याणम 1943 से 1948 तक बापू के निजी सचिव रहे थे। वेंकट 30 जनवरी की घटना का गवाह होने का दावा करते हैं। अपने ताजा बयान में उन्होंने बताया, ‘घटना के बाद शोरगुल के कारण वह कुछ नहीं सुन सके। बापू को जब गोली लगी, हर कोई चिल्ला रहा था। मैं उस शोर में कुछ नहीं सुन सका। हो सकता है कि उन्होंने ‘हे राम’ बोला हो। मैं नहीं जानता।’ Mahatma Gandhi