राजधानी जयपुर के जनपथ स्थित अमर जवान ज्योति को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रयासो ने नया रूप दिया गया हैं। अमर जवान ज्योति को संग्रहणालय के तौर पर राजस्थान सरकार और जेडीए ने विकसित किया हैं। इस म्यूजियम में देशभक्ति से संबंधित चलचित्र एवं फोटो प्रदर्शनी, ऑडियों- वीडियों के साथ लाईटिंग से वीरों की शौर्य गाथाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। इसी क्रम में सोमवार को महाराजा सूरजमल सोसाइटी की ओर से नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी, प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी को अमर जवान ज्योति म्यूजियम में महाराजा सूरजमल की शौर्यगाथा का चित्रण लगाने की मांग की गई हैं।
युडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी को सौंपा ज्ञापन
सोमवार को महाराजा सूरजमल सोसाइटी के संयोजक पी.एस. कलवानियां एवं भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री महेन्द्र सिंह शेखावत, प्रदेश मंत्री नरेन्द्र कटारा, भरतपुर जिला उपाध्यक्ष सुखवीर सिनसिनी व जसराम यादव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने राजस्थान सरकार के नगरीय विकास मंत्री श्रीचन्द कृपलानी को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, जयपुर सांसद रामचरण बोहरा व हवामहल विधायक सुरेन्द्र पारीक की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने जयपुर में अमर जवान ज्योति म्यूजियम में महाराजा सूरजमल की शौर्य गाथा का चित्रण लगाने की मांग की व मंत्री को ज्ञापन दिया। इस पर नगरीय विकास मंत्री श्रीचन्द कृपलानी ने जयपुर विकास प्रधिकरण के आयुक्त को शीघ्र ही कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
महाराजा सूरजमल का भारत के महापुरूषों में अतुल्य स्थान
महाराजा सूरजमल राजस्थान के ही नहीं अपितु पूरे भारत के महापुरूषों में गिने जाते है। सन् 1928 में दिल्ली के बिरला में पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा महाराजा सूरजमल की प्रतिमा लगाई गई थी। जिसमें लिखा हुआ है ‘‘हिन्दू धर्म रक्षक 18वीं सदी के अजेय महायोद्धा भरतपुर नरेश महाराजा सूरजमल’’ अतः स्पष्ट है कि महाराजा सूरजमल सम्पूर्ण राष्ट्र के युवाओं के आदर्श है। जिन्होंने अपने राष्ट्र की आन-वान-शान के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया।
मुख्यमंत्री राजे के निर्देश के बाद हो रहा हैं अमर जवान ज्योति को निखारने का काम
जनपथ पर अमर जवान ज्योति स्मारक। इसके चारों ओर फव्वारे और उससे 100 फीट ऊंचाई तक जाती पानी की धार। संगीत के साथ लेजर बीम लाइट से फैलती चकाचौंध । स्मारक के भीतरी हिस्से में लगी तस्वीर शहीदों की याद दिलाते हुए। अमर जवान ज्योति को इसी तर्ज पर निखारने की तैयारी है। इस काम पर 3.61 करोड़ रूपए खर्च होंगे। दीवारों पर प्राचीन कारीगरी भी उकेरी जाएगी। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद ही इसे म्यूजियम की तर्ज पर विकसित करने की कवायद शुरू की गई। स्मारक के सामने के हिस्से (सड़क के दूसरी ओर) में फुटपाथ के पास बैठने के लिए सीढियों का निर्माण किया जाएगा।