सरकार ने अब ऐसा नियम बनाया है कि बिना उसकी पालना के आप चाट-पकौड़ी, ब्यूटी पार्लर, मिनरल वॉटर या जिम का धंधा नहीं कर पाएंगे। जी हां, पहली बार इन गतिविधियों को लाइसेंस के दायरे में लाया गया है। इन नियमों से राज्य सरकार के राजस्व में तो बढ़ोत्तरी होगी ही साथ ही छोटे कामगारों को भी निश्चित रोजगार मिलेगा। लाइसेंस से अब किसी भी ठेला धारक या लघु उद्यमी को भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगी।
इग्नोर न करें, अब लाइसेंस लेना ही होगा
जिम, स्वीमिंग पूल, ब्यूटी पार्लर, खाने-पीने के चल वाहन (चाट-पकौड़ी, फास्ट फूड), मिनरल वाटर फैक्ट्री के लिए भी अब लाइसेंस लेना ही होगा। पहली बार इन गतिविधियों को लाइसेंस के दायरे में लाया गया है। लाइसेंस भी 30 अप्रेल तक लेना अनिवार्य है, ऐसा नहीं करने पर इन्हें बंद कराने तक की कार्रवाई होगी।
भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम, खुलकर करें व्यवसाय
आज से पहले लघु उद्यमियों को पुलिस, निगम से जैसे डर लगता था, क्योंकि धंधा करने के लिए कुछ लोग या अधिकारी पैसे लेते थे और लाइसेंस नही होने का डर दिखाकर चालान करते थे। लेकिन लाइसेंस से अब किसी को डरने की आवश्यकता नही हैं क्योंकि लाइसेंस से सभी छोटे व्यवसायी खुलकर व्यवसाय कर सकेंगें।
सर्वे शुरू, जल्द होगी व्यवस्था लागू
स्वायत्त शासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। इसी आधार पर जयपुर नगर निगम ने भी लागू करने की तैयारी कर ली है। महापौर ने इसे लागू कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए ऐसी सभी गतिविधियों का सर्वे शुरू किया जा रहा है, जिसमें इनकी संख्या पता लगाई जाएगी।
यह आदेश निगम, परिषद व पालिका सभी पर लागू होंगे। निर्धारित मियाद में लाइसेंस नहीं लेने वालों से 5 प्रतिशत की दर से पेनल्टी भी वसूली जाएगी। सरकार के इस आदेश से ऐसे सभी कारोबारियों में हलचल मच जाएगी, क्योंकि अब इन्हें फीस देनी ही होगी। उधर, होटल, रेस्टोरेंट की निर्धारित लाइसेंस फीस में भी बढ़ोत्तरी कर दी गई है।