राजस्थान की राजनीति में अपनी दमदार छवि रखने वाले नेता अब भगवा की और रुख़ कर रहे है। हालांकि ये नेता भगवा से ही विभक्त हुए थे लेकिन वर्तमान दौर में खिलते कमल के प्रभाव में आने से खुद को रोक नही पाए। राजस्थान में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व ने सभी को प्रभावित किया है चाहे वो पक्ष हो या विपक्ष हो। प्रदेश में कुछ लोग हैं तो भाजपाई लेकिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के घुर-विरोधी हो गये थे ऐसे नेता भी पुन: भाजपा का रुख कर रहे है। हाल ही में पूर्वी राजस्थान के एक क्षेत्र को प्रभावित करने वाले नेता डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के एक बार फिर भाजपा में आने की कवायदें तेज हो गई है। मीणा पहले भी भाजपा में रह चुके हैं और 2008 में भाजपा सरकार में मंत्री रह चुके है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व, भाजपा का सुशासन, कमजोर विपक्ष और राजस्थान में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की लोगों में चाहत इस नेताओं को फिर से भाजपा में शामिल होने के संकेत प्रदान कर रही है।
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे पर हो सकता हैं बदलाव
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जल्द ही राज्य का दौरा कर सकते है। शाह का इसी माह राजस्थान आने का कार्यक्रम है। यहां वे पार्टी के नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात कर सकते है। राजनीतिक सूत्रों के अनुसार अमित शाह के राजस्थान दौरे के दौरान प्रदेश के कई दिग्गज राजनेता भाजपा में सम्मलित हो सकते हैं। जिसमें प्रमुख नाम पूर्व सांसद व विधायक किरोड़ीलाल मीणा का है। ड़ॉ. मीणा के अलावा उनकी पत्नी गोलमा देवी, विधायक नवीन पिलानिया और गीता वर्मा भी भाजपा का भगवा धारण कर सकते है।
मुख्यमंत्री राजे से मुलाकात कर संभावनाओं में फुंकी जान
गौरतलब है की मीणा के भाजपा में सम्मलित होने के कयास लगातार लगाए जा रहे है। इसके लिए किरोड़ी संघ के शीर्ष नेताओं से भी मिल चुके है। अमित शाह के जयपुर कार्यक्रम के दौरान होने वाली संभावित रैली में किरोड़ी भाजपा की सदस्यता वापस ले सकते है ।डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कुछ दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से भी मुलाकात की थी। जिसके बाद ही उनके भाजपा में सम्मलित होने की संभावनाओं को बल मिला था। वर्तमान में डॉ किरोड़ी लाल मीणा राजपा से विधायक है। डॉ. किरोड़ीलाल मीणा करौली, दौसा व सवाई माधोपुर की कई विधानसभा क्षेत्रों में प्रभाव रखते है। वे दौसा से निर्दलीय सांसद भी रहें है।
कमजोर विपक्ष और राजे का नेतृत्व बदल रहा है राजस्थान की हवा
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नेतृत्व और कमजोर विपक्ष ने राजस्थान की हवा बदली हैं। जहां विपक्ष अपनी भुमिका निभा पाने में असमर्थ दिखाई दे रहा है वहीं कुछ लोग जो मुख्यमंत्री राजे के खिलाफ़ हुआ करते थे अब राजे के नेतृत्व और राजस्थान में हुए काम को देखकर फिर से राजे के पास आने लगे है। ऐसे में कहा जा सकता हैं कि मुख्यमंत्री राजे ने प्रदेश में काम ही नही किया बल्कि प्रदेश को एक करने का भी काम किया है। राजे ने राजनीतिक द्वेषता को मिटाकर सभी को एक साथ काम करने का आह्वान किया था जो आज पूरा होता हुआ दिखाई दे रहा है।