पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के बीच हरियाणा में जाट आंदोलन एक बार फिर शुरू हो गया है। आज इस आंदोलन का दूसरा दिन है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जाट नेताओं से बातचीत की पेशकश की है। आपको बता दें कि जाटों का ये आंदोलन शिक्षा और नौकरी में आरक्षण की मांग को लेकर हो रहा है।
हरियाणा में फिर शुरू हुआ जाट आंदोलन
एक बार फिर हरियाणा में जाट समाज के लोग धरने पर हैं, ये तस्वीरें रोहतक के जसिया गांव की है जहां जाट समुदाय के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि जाटों को कानूनी रूप से आरक्षण दिया जाए। पिछले आंदोलन में मारे गए लोगों के परिवारों को सरकारी नौकरी दी जाए। इतना ही नहीं पिछले आंदोलन के दौरान जिन लोगों पर केस दर्ज हुए उनको वापस लिया जाए। साथ ही जिन जाटों की दुकानें जलीं उनको मुआवजा मिले।
पिछली बार जाट आंदोलन में हुई थी काफी हिंसा
आपको याद दिला दें कि पिछली बार जाट आंदोलन के दौरान भयंकर हिंसा हुई थी, तीस लोगों की जान चली गई थी और आगजनी में संपत्ति को बड़ा नुकसान पहुंचा था इसलिए इस बार प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
यूपी चुनाव में 73 सीटों पर जाट समुदाय का प्रभाव
चुनाव से पहले जाट आंदोलन की ये आग चुनाव में भी असर डाल सकती है। पश्चिम यूपी की 73 सीटों पर जाट समुदाय का वोट प्रभाव रखता है। इन सीटों पर 17 फीसदी आबादी जाट समुदाय के लोगों की है।
हाईकोर्ट में लंबित है आरक्षण का मसला
हरियाणा में बीजेपी की सरकार है और जाट आंदोलन का नफा नुकसान समझती है इसलिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बातचीत की पेशकश भी की है। पिछली बार के आंदोलन के बाद हरियाणा सरकार ने ओबीसी कोटे से जाट आरक्षण दे भी दिया था लेकिन मामला हाईकोर्ट में फंस गया।
रोहतक में धारा 144 लागू, कर्फ्यू जैसे हालात
हरियाणा में जाटों के एक धड़े द्वारा 29 जनवरी से आरक्षण आंदोलन का एक और चरण शुरू करने का आह्वान किए जाने के मद्देनजर रोहतक जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर जिले के कई हिस्सों में धारा 144 लगा दिया है। एक अधिकारी ने बताया कि शहर में रेलवे स्टेशनों सहित राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों से करीब 500 मीटर की दूरी में पांच या उससे अधिक लोगों के जमावड़े पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
अर्धसैनिक बलों की 55 कंपनियों की मांग
हरियाणा सरकार ने राज्य में 7,000 होमगार्डों की तैनाती के अलावा केंद्र से अर्धसैनिक बलों की 55 कंपनियों की मांग की है। पिछले साल इसी तरह के आंदोलन में 30 लोगों की मौत हो गई थी और व्यापक तोड़फोड़ की घटनाएं हुयी थीं।