राजस्थान तेजी से विकसित होता प्रदेश हैं यहां प्राकृतिक रूप से विकास करने की अपार संभावनाएं हैं जिनका प्रदेश सरकार बखूबी लाभ उठा रही हैं। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश को हर क्षेत्र पर अव्वल बनाने का कार्य किया हैं। आज के डिजीटलीकरण में भी राजस्थान अन्य राज्यों से कही ज्यादा आगे हैं। प्रदेश के कई गांव, कस्बे और शहर आधुनिकीकरण में उभरें हैं। हाल ही में राजधानी जयपुर का नजदीकी गांव गोनेर जल्द ही डिजीटल बनने जा रहा हैं।
जयपुर विकास आयुक्त वैभव गालरिया की अध्यक्षता में बुधवार को चितंन सभागार में आयोजित बैठक में गोनेर को जयपुर शहर का पहला डिजीटल गांव बनाने का कार्य इसी सप्ताह से प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया । इस कार्य पर लगभग 2 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
डिजीटल गांव मतलब – ये होगा खास
बैठक में बताया गया कि गोनेर में डिजीटल कार्य के तहत स्कूलों तथा सार्वजनिक स्थलों पर वाई-फाई हॉट स्पॉट, स्कूल में डिजीटल क्लास रूम/वर्चुअल क्लास रूम, पंचायत कार्यालय में इन्ट्रक्टिव कियोस्क, रिमोट एक्सपर्ट फॉर गवर्नमेंट सर्विसेज (आर.ई.जी.एस.), गांव के प्रवेश/निकास मार्ग, सार्वजनिक स्थलों, स्कूलों तथा पार्किंग क्षेत्रों में सी.सी.टी.वी. सर्विलेंस, पी.एच.सी में डिजीटल हैल्थ केयर, सरपंच और सरपंच कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग तथा डिजीटल डिस्पले बोर्ड की स्थापना की जाएगी। उक्त सभी कार्य मार्च-2017 तक पूरा करवाने का निर्णय लिया गया है।
गांव के डॉक्टर, सरपंच से चर्चा
बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद आलोक रंजन, जेडीए के अति0 मुख्य अभियन्ता एम.एल.चौधरी, डायरेक्टर सैकण्डरी एजूकेशन के प्रतिनिधि उमराव लाल वर्मा, प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र गोनेर डॉ. सुनिता बसंल, एईएन देवेश गुप्ता, उप सरपंच गोनेर अरूण जैन, पंचायत समिति के सचिव कमलेश शर्मा, पंचायत समिति सांगानेर के अधिकारी तथा सिस्को कम्पनी के अधिकारी उपस्थित थे।
सिस्को के सहयोग से होगा विकास
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा डिजीटल विलेज कार्यक्रम के तहत गोनेर विलेज का चयन किया गया है। इस परियोजना का कार्य सिस्को एवं सहयोगी कम्पनियों द्वारा सामाजिक कॉपर्रेट सोशल जिम्मेदारी के तहत किया जाएगा।