आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने के साथ देश शहीदों को सलामी देने का जज्बा एक मकसद बन जाए तो इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है? राजधानी जयपुर से 19 फरवरी से 24 फरवरी तक हुंकार दौड़ में ऐसे ही जज्बातों को एक मकसद बनाकर दौड़ने वाले सोढ़ाला थाने के एसएचओ सुनील शर्मा आतंकवाद के खिलाफ देश भर में नई लहर और आवाज उठाने जा रहे हैं। दौड़ का मुख्य उद्देश्य सीमा पर हमारी रक्षा करने वाले जवान और शहीद जवान के परिवार ये संदेश पहुंचाना है कि जो देश की रक्षा कर रहे उनके साथ हिन्दुस्तानी उनके साथ हैं।
आतंकवाद के खिलाफ उठाई बुलंद आवाज
आतंकवाद को जवाब देने के लिए सोशल साइट बना प्लेटफार्म- 20 वर्षों से पुलिस अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं देने वाले शर्मा ने कहा कि आज हर कोई आतंकवाद से प्रभावित है। हर किसी में आतंकवाद के प्रति आक्रोश है। ऐसे में इसके खिलाफ आवाज उठाने के लिए मैंने पहले कलम का साथ लिया और फिर उसे अपनी आवाज बनाने के लिए सोशल साइट का। पठानकोट में हुए हमले के दौरान मेरे दिल से निकली आवाज ने एक कविता का रूप लिया जो कार्य में व्यस्तता के कारण पूरी नहीं कर पाया।
जज्बे को लोगों तक पहुंचाने के लिए बनाया वीडियों
उस वक्त की लिखी उन पंक्तियों को मैंने 31 दिसंबर को पूरा करते हुए हुंकार दौड़ की आवाज बनाई। जिसे सिंगर दिव्य कुमार ने अपना साथ दिया। शब्दों को रिकार्डिंग तक पंहुचे के बाद लगा कि अपने शब्दों को अपनी आवाज को लोगों तक पहुंचाना इतना आसान नहीं इसके लिए मैंने 5 मिनट 15 सेकेंड की डाक्यूमेंट्री तैयार कि जिसमें शहर के अलग अलग जगहों पर शूट किया गया। यू ट्यूब और फेसबुक पर इस वीडियो को लांच कर लोगों तक इसे पहुंचाया ,जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों के जज्बात इससे जुड़ सकें। एथलीट नहीं पर अंदर छुपा एक कलाकार है-शर्मा ने कहा कि मैं कोई एथलीट नहीं ,न ही दौडऩे का कभी मेरा इरादा था।
रोज 15 से 20 किमी दौड़ते हैं सुनिल
नौकरी की शुरूआत में कभी ट्रेनिंग के दौरान दौड़ना हुआ था। पर जब जिंदगी में एक नए मकसद का साथ मिला तक अहसास हुआ कि हर पुलिस ऑफिसर को फिट रहना जरूरी हैं। 42 साल की उम्र में दौड़ना शुरू किया जिसे प्रेरणा मिलती रही और मैं मैराथन का हिस्सा बना। आज इस दौड़ में अपनी क्षमता बरकरार रखने के लिए रोजाना 15 से 20 किलोमीटर की दौड़ लगा रहा हूं और जिमिंग के साथ खुद को फिट रखने की कोशिश में हूं। पुलिस अधिकारी होने के साथ कहीं न कही अंदर से मैं एक कलाकार भी हूं, जिसका अहसास खुल कर इस दौड़ के लिए लिखी कविता के जरिए हुआ।
क्या हैं हुंकार दौड़
एक ऐसी दौड़ जो 19 फरवरी को अमरज्योति जवान से शुरू होकर वाघा बॉर्डर तक पहुंचेंगी। जिसमें एसएचओ सुनील शर्मा के साथ उनके 7 और सहभागी कंधे से कंधा मिलाकर दौड़ते हुए वाघा बार्डर तक पहुचेंगे। दौड़ के दौरान फिटनेस एक्सपर्ट सूर्य प्रकाश भार्गव अपने टीम मेंम्बर्स के साथ उन्हें फिटनेस के लिए गाइड करेंगे। मेडिकल टीम और फिजियोथेरेपिस्ट भी इस मिशन में साथ होंगे। दौड़ आमेर, चंदवाजी, शाहपुरा, कोटपूतली, बहरोड़, शाहजहानपुर, गुडगांव होते हुए 24 फरवरी को इंडिया गेट दिल्ली पहुंचेगी।
वहां से सभी धावक बॉय कार दिल्ली, पानीपत, सोनीपत, कुरुक्षेत्र , अंबाला, लुधियाना और जालंधर तक की दूरी तय करेगी। साथ ही बीच शहर में दौड़ लगाते हुए आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाकर देश के शहीद जवान के परिवारों तक इस दौड़ के जरिए उनके साथ खड़े रहने का संदेश देगी। 26 फरवरी को दौड़ पूरा कर टीम जयपुर अपनी वापसी करेगी।