स्वाइन फ्लू का बढ़ता प्रकोप: इन 5 तरीकों से करें बचाव

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    Swine Flu

    स्वाइन फ्लू एक बहुत ही खतरनाक महामारी है। इस बीमारी ने भारत सहित सभी देशों में अपना जाल फैला रखा है। इसमें बुखार, थकान, और भूख की कमी, खांसी और गले में खराश शामिल हैं। कुछ लोगों को उल्टी और दस्त भी हो सकती है। यह बहुत जल्दी फैलने वाला रोग है। इससे बचने के लिए संक्रमित लोगों से दूर रहना चाहिए। स्वाइन फ्लू श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी है जो ए—टाइप के इनफ्लुएंजा वायरस से होती है। यह वायरस एच1एन1 के नाम से जाना जाता है और मौसमी फ्लू में भी यह वायरस सक्रिय होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह बिमारी सूअरों से फैलती है, इसलिए इसे स्वाइन फ्लू कहा जाता है। Swine Flu

    स्वाइन फ्लू का प्रकोप भारत में भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। देश में स्वाइन फ्लू इस साल अभी तक 1000 लोगों से अधिक की जान ले चुका है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देशभर में लगभग 22,186 केस दर्ज हो चुके हैं। महाराष्ट्र में अभी तक इस वायरस से सबसे ज्यादा 437 लोगों की मृत्यु हुई है गुजरात में 269, केरला में 73 और राजस्थान में 69 लोगों की मृत्यु हुई हैं। साल 2016 में इसके 1786 केस दर्ज किये गए थे जिसमें 265 लोगों की मौत हो गई थी।

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    आइए जानते हैं स्वाइन फ्लू से बचने के 5 खास उपाय .. Swine Flu

    Swine Flu

    1. अगर आप एक ऐसे क्षेत्र में रहते हैं या हाल ही में रहना शुरू किया हो जो इन्फ्लूएंजा—ए (H1N1) से प्रभावित है, और फ्लू जैसे लक्षण अनुभव कर रहे हैं, तो आपको दूसरों के साथ संपर्क सीमित करने के लिए घर पर रहना है और अपने को फोन कर अपने चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
    2. ऐसी सतहें जहां लोग अक्सर अपने हाथों से स्पर्श करते हैं उन्हें साफ और कीटाणुरहित करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। जैसे:
    • हैंडल्स और स्विच
    • नल और टॉयलेट फ्लश के हैंडल
    • किचन वर्कटॉप्स
    • टेलीफोन रिसीवर्स
    • कंप्यूटर कीबोर्ड्स

    ऐसे प्रोडक्ट्स के उपयोग से साफ़ और कीटाणुरहित करना जरूरी है। डिटर्जेंट और पानी के साथ सतहों की सफाई से किसी वस्तु से कीटाणुओं को दूर कर सकते हैं। जहां रगड़ना संभव नहीं है, वहां कीटाणुओं को मारने में मदद करने के लिए एक कीटाणुनाशक का उपयोग जरूरी है। Swine Flu

    1. कुछ एंटीवायरल दवायें, जैसे टैमीफ्लू उपलब्ध हैं। इससे रोग घटती है और जटिलताओं का खतरा कम होता है। यह दवाएं सभी के लिए उपयुक्त हो सकती हैं।
    2. कच्चे मांस को पकाये हुए या खाने के लिए तैयार खाद्य पदार्थ से दूर रखें और इसे तैयार करने के लिए एक अलग चौपिंग बोर्ड और चाकू का इस्तेमाल करें। इसके तुरंत बाद अपने हाथों को धो लें। अपने बर्तन और सतहों को तुरंत स्वच्छ और कीटाणुरहित करें।
    3. आयुर्वेद के निम्न उपायों में से एक समय में एक ही उपाय आजमाने से न सिर्फ स्वाइन फ्लू से बचा जा सकता है, बल्कि रोकथाम भी हो सकती है। Swine Flu
    • 4-5 तुलसी के पत्ते, 5 ग्राम अदरक, चुटकी भर काली मिर्च पाउडर और इतनी ही हल्दी को एक कप पानी या चाय में उबालकर दिन में दो-तीन बार पीएं।
    • गिलोय (अमृता) बेल की डंडी को पानी में उबाल या छानकर पीएं।
    • गिलोय सत्व दो रत्ती यानी चौथाई ग्राम पौना गिलास पानी के साथ लें।
    • 5-6 पत्ते तुलसी और काली मिर्च के 2-3 दाने पीसकर चाय में डालकर दिन में दो-तीन बार पीएं।
    • आधा चम्मच आंवला पाउडर को आधा कप पानी में मिलाकर दिन में दो बार लें। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

    आधा चम्मच हल्दी पौना गिलास दूध में उबालकर पीएं। आधा चम्मच हल्दी गरम पानी या शहद में मिलाकर भी लिया जा सकता है। Swine Flu

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